Fatehpur Circle Rate कानपुर-बरेली में जमीनों के सर्किल रेट की बढ़ोतरी के बाद अब फतेहपुर जिले में भी सर्किल रेट बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। शहर व कस्बों से जुड़ी कृषि भूमि की सर्किल दरों में सबसे ज्यादा बढोत्तरी की उम्मीद है। कानपुर-प्रयाराज हाईवे बांदा-टांडा मार्ग बांदा-कानपुर मार्ग के किनारे की कृषि भूमि की सर्किल दर में दस से पंद्रह प्रतिशत का और इजाफा किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर। जमीन व मकानों की खरीद महंगी हो सकती है, इसके लिए सर्किल दर बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। राजस्व बढ़ाने की कवायद में ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है जहां जमीन की दरों में भारी उछाल आया है।
शहर व कस्बों से जुड़ी कृषि भूमि की सर्किल दरों में सबसे ज्यादा बढोत्तरी की उम्मीद है। वर्ष 2022 के बाद हो रहे सर्किल दरों के निर्धारण में दस से पंद्रह प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी की जा सकती है।
शहर के आवास विकास, शेषपुर उन्नवा, त्रिलोकीपुर, उधन्नापुर, माहपुर, खंभापुर में कृषि भूमि का सर्किल रेट अभी तक चालीस लाख रुपये प्रति एकड़ है, सर्वे में यह पता चला कि इन क्षेत्रों में कृषि भूमि में प्लाटिंग होने से भूमि एक करोड रुपये प्रति एकड़ से अधिक की बिक रही है।
हाईवे की जमीन पर 15 प्रतिशत तक हो सकता है इजाफा
कानपुर-प्रयाराज हाईवे, बांदा-टांडा मार्ग, बांदा-कानपुर मार्ग के किनारे की कृषि भूमि की सर्किल दर में दस से पंद्रह प्रतिशत का और इजाफा किया जा सकता है।
जिलाधिकारी सी इंदुमती के निर्देश पर तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में सब रजिस्टार सर्किल दरों का सर्वे राजस्व अधिकारियों के सहयोग से कर रहे है। अब शहर के मुख्य इलाकों के साथ नई बस्तियों के रेट नए सिरे से तय किए जा रहे है।
जानें क्या है सर्किल रेट
जिलाधिकारी द्वारा हर साल विभिन्न श्रेणियों की भूमि की कीमत बाजार मूल्य के आधार पर तय की जाती है। निर्धारण में बाजार के साथ जिले के विकास व आवश्यकता को आधार बनाया जाता है। तय सर्किल दर के आधार पर ही जमीन व अन्य अचल संपत्ति की खरीद पर क्रेता को स्टांप शुल्क व रजिस्ट्री शुल्क अदा करनी पड़ती है। डीएम द्वारा प्रस्तावित सर्किल दर में अधिवक्ताओं समेत आमजन से आपत्तियां ली जाती है। निस्तारण के बाद डीएम द्वारा तय की गई नई सर्किल दर प्रभावी हो जाती है।
गंगा व यमुना कटरी की दरें रह सकती हैं यथावत
सितंबर माह से नई सर्किल दर लागू होने की संभावना में यह माना जा रहा है कि शहर व कस्बों में प्लाट की लिखापढ़ी में 25 से 30 प्रतिशत तक जबकि कृषि भूमि में दस से पंद्रह प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। गंगा व यमुना कटरी क्षेत्र के पिछड़ेपन को देखते हुए इन क्षेत्रों की कृषि भूमि की सर्किल दरें यथावत रह सकती है।
बताया जाता है कि औगासी व किशुनपुर में यमुना में पक्का पुल चालू हो जाने के बाद फतेहपुर-औगासी मार्ग व किशुनपुर मार्ग के आसपास की भूमि की दरें बढ़ जाएंगी।
सहायक आयुक्त स्टांप रईस अहमद ने बताया- सर्किल दरों के निर्धारण में बाजार मूल्य व किसानों के हित को ध्यान को ध्यान में रखा गया है। तहसील स्तर पर सर्वे के आधार पर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, इसमें आमजन से भी राय ली जाएगी। जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद नई दरें प्रभावी होंगी।
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