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यूपी में फिर बुलडोजर एक्शन, कार्रवाई के बीच में ग्रामीण; पुलिस ने सभी को हटाकर अवैध निर्माण किया ध्वस्त

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में रविवार को प्रशासन खलिहान की जमीन पर पक्का मकान बनाने के लिए बनाए जा रहे पिलर को बुलडोजर से ढहा दिया। इस बीच ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने बुलडोजर के आगे आकर कार्रवाई को रोकने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्हें हटा दिया। इस दौरान लेखपाल पर मिट्टी पुराई के लिए रुपये मांगने का भी आरोप लगा।

By Akhilesh umrao Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 19 Aug 2024 11:06 AM (IST)
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जाफरगंज थाने के देवरी बुजुर्ग गांव में खलिहान पर किए गए निर्माण को तोड़ती बुलडोजर। जागरण

संवाद सूत्र, जाफरगंज। खलिहान की भूमि पर मकान बनाने के लिए पक्के पिलर खड़े करने पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने बुलडोजर से निर्माण को ढहा दिया है। इस कार्रवाई के विरोध में आए प्रधान व ग्रामीणों को पुलिस ने हटा दिया। इसके बाद प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी की। कार्रवाई के दौरान लेखपाल पर मिट्टी पुराई और निर्माण के लिए रुपये लेने का आरोप लगा है।

जाफरगंज थाने के देवरी बुजुर्ग गांव में सचिन यादव खलिहान की भूमि पर पुराई तक पक्के पिलर खड़े कर मकान बनाए जाने की जानकारी प्रशासन के संज्ञान में आई। इस पर एसडीएम ने लेखपाल से रिपोर्ट मांगी।

ग्राम प्रधान ने मांगा था दो दिन का समय

रविवार को एसडीएम अर्चना अग्निहोत्री, लेखपाल अचलेश सिंह राजस्व टीम के साथ देवरी बुजुर्ग गांव बुलडोजर लेकर पहुंचे। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। इस पर प्रधान गौरव त्रिवेदी ने प्रशासन दो दिन का समय मांगा। इस पर प्रशासन ने समय देने से मना कर दिया। इस पर प्रधान व ग्रामीण बुलडोजर के सामने बैठ गए।

एसडीएम ने मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स को बुलाकर तत्काल प्रधान व ग्रामीणों को मौके से हटाने को कहा। इस पर पुलिस ने सभी को हटा दिया। इसके बाद प्रशासन ने पिलर व दीवार तोड़ दी। एसडीएम ने बताया कि अतिक्रमण में प्रधान की सह प्रतीत होती है।

उधर अतिक्रमण करने के आरोपित ने लेखपाल पर 20 हजार रुपये लेने का आरोप लगाया। कहा कि लेखपाल अब 50 हजार रुपये और मांग रहा था। इस कारण अधिकारियों को गुमराह कर कार्रवाई करा दी है। एसडीएम ने लेखपाल पर लग रहे आरोप को निराधार बताया है।

पुस्तैनी मकान में ही बना रहे थे मकान

-प्रधान गौरव त्रिवेदी ने कहा कि सचिन यादव जहां पर निर्माण करा रहे हैं, वहां पुश्तैनी मकान बना था। परिवार के बाद दूसरा और कोई मकान नहीं है। इस कारण तोड़फोड़ करने से पहले निष्पक्ष जांच करने की मांग कर रहे थे। पर प्रशासन ने कोई बात ही नहीं सुनी है।

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