पठान मुहल्ला का तालाब गायब, गड्ढा बचा
जागरण संवाददाता फतेहपुर बारिश की बूंद सहेजने के प्रयासों में भू-माफिया रोड़ा बने हुए
By JagranEdited By: Updated: Sun, 13 Jun 2021 07:46 PM (IST)
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बारिश की बूंद सहेजने के प्रयासों में भू-माफिया रोड़ा बने हुए है। जल संचयन के मुख्य स्त्रोत तालाबों के अस्तित्व को किस तरह से मिटाया जा रहा है यह देखना है तो शहर के पठान मुहल्ला चले जाएं। दो हेक्टेअर का बड़ा तालाब कभी इस मुहल्ले की शान हुआ करता था जो अब गड्ढे में तब्दील हो गया है। भू-माफिया दस्तावेजों में हेराफेरी कर तालाब की भूमि में प्लाटिग कर डाली। तालाब के नाम से जो गड्ढा बचा है उसे भी मुहल्ले के लोग कूड़ा डालकर पाटने में लगे है।
भूगर्भ से पानी का दोहन लगातार बढ़ता जा रहा है, जल संचयन की रफ्तार धीमी होने से धरती की सूखी गागर मानव जीवन के लिए चिता का कारण बनती जा रही है। गांव में तो मनरेगा से तालाबों का संरक्षण किया जा रहा है लेकिन शहरी क्षेत्र के तालाबों के प्रति कोई गंभीर नहीं हो रहे। बस्ती के अंदर वाले ज्यादातर तालाबों का क्षेत्रफल सिमट कर चौथाई रह गया है। दस्तावेज में तालाबी जमीन को भूमिधरी दिखाकर ब्रिक्री का जो खेल किया जा रहा है उसमें राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत है। पुराने रिकार्डों में हेराफेरी के कई मामले पकड़े जाने पर जांच की जा रही है। तालाबी भूमि पर कब्जा करने वालों के प्रति प्रशासन सख्त रवैया नहीं अपना पा रहा है तभी तो लोग तालाबी भूमि में कब्जा कर प्लाटिग करके लाखों की कमाई कर रहे हैं। दीपचंद्र शुक्ला बारिश का पानी तालाबों में एकत्रित ही नहीं हो पाता है, एक तो तालाबों में कब्जे है, जो बचे भी है उसमें खर-पतवार व कूड़ा-करकट जमा होने से पानी रुकता ही नहीं। महेश कुमार शहर के तालाबों को संरक्षित करने के लिए नगरपालिका को जिम्मेदारी मिलनी चाहिए, तालाब सुरक्षित रहे इसके लिए राजस्व विभाग के साथ पैमाइश कराई जाए।
ब्रजराज सिंह हर साल की शहर इस साल भी बारिश का पानी तालाबों में संरक्षित नहीं रह पाएगा। तालाबों को खाली कराने के प्रति जिम्मेदार सजग नहीं हो पाए। रविकुमार
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