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दुकान में चोरी-छिपे कंप्यूटर चलाता था दुकानदार, पुलिस पहुंची तो सामने आई करतूत

साइबर क्राइम पुलिस ने लखनऊ में एक जालसाज को दबिश देकर गिरफ्तार किया जो कंप्यूटर के जरिए फर्जी दस्तावेजों से पुलिस रेलवे समेत अन्य विभागों के स्मार्ट व आईडी कार्ड जारी कर रहा था। आरोपी प्रताप पाल ने पूछताछ में बताया कि उसने कई विभागों के आईडी जारी कर पैसा ऐंठता था। पुलिस ने उसके पास से 159 स्मार्ट कार्ड आधार कार्ड कम्प्यूटर और रसीद बुक बरामद की है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sun, 08 Sep 2024 09:29 PM (IST)
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साइबर क्राइम पुलिस की हिरासत में बाएं से दूसरा जालसाज प्रताप पाल। स्रोत पुलिस

जागरण संवाददाता, फतेहपुर। कंप्यूटर के जरिए फर्जी दस्तावेजों से पुलिस, रेलवे समेत अन्य विभागों के स्मार्ट व आईडी कार्ड जारी करने वाले जालसाज को साइबर क्राइम पुलिस ने तालकटोरा, लखनऊ में दबिश देकर धर दबोचा, जिससे पूछताछ बाद पुलिस उसे फतेहपुर लाई और अब मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजने की कार्रवाई कर रही है।

साइबर क्राइम सेल इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में कांस्टेबल प्रवीन सिंह व अजय कुमार लखनऊ के मानकनगर थाने के कनौसी मुहल्ले में रहने वाले प्रताप पाल को उसकी तालकटोरा रोड स्थित प्रताप इंटरप्राइजेज दुकान से धर दबोचा। 

हत्थे चढ़े दुकानदार प्रताप पाल ने पूछताछ में पुलिस के समक्ष बताया कि उसने बीते दिनों ठगी में जेल गए विकास सिंह निवासी शिवपुरी कॉलोनी, राजाजीपुरम, लखनऊ का भी पुलिस विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्ड बनाया था। इसी तरह बिना विभागीय परमीशन के अन्य कई विभागों के आईडी जारी कर पैसे ऐंठता था।

इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि हत्थे चढ़े प्रताप पाल के पास से पुलिस समेत रेलवे व अन्य विभागों के कूटरचित निर्मित 159 स्मार्ट कार्ड व आधार कार्ड के साथ कम्प्यूटर, एक सीपीयू, रसीद बुक बरामद की गई है। जिस पर 66 सी आईटी एक्ट के तहत धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

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