फिरोजाबाद में बंदी की मौत के बाद बवाल; एंबुलेंस में 12 घंटे रखा रहा शव-सुबह अंतिम संस्कार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने चौंकाया
Firozabad Crime News काेमा में जाने से हुई थी बंदी की मृत्यु चोट के निशान भी पाए गए। बंदी के पिता बीरी सिंह मां शकुंतला सास अंगूरी देवी और उनके कुछ रिश्तेदारों से डीएम रमेश रंजन और एसएसपी सौरभ दीक्षित ने एसपी सिटी कार्यालय में एकांत में बात की। अधिकारियों ने उनसे कहा कि घटना की जांच कराई जाएगी कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
जागरण टीम, फिरोजाबाद। फिरोजाबाद में थाना दक्षिण क्षेत्र के नगला पचिया निवासी बंदी आकाश का शव पोस्टमार्टम के बार 12 घंटे एंबुलेंस में रख रहा। शनिवार सुबह 4:30 बजे उनकी पत्नी को पांच लाख का चेक प्रशासन ने दिया। इसके बाद स्वजन ने अंतिम संस्कार किया।
इधर बवाल बढ़ने की आशंका पर देर रात आगरा, मथुरा और मैनपुरी समेत अन्य जिलों से भी फोर्स बुला लिया गया। रात में पुलिस टीमें दबिशे देती रहीं । थाना दक्षिण के इंस्पेक्टर योगेंद्र पाल सिंह ने बवाल करने के मामले में 60 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी लिखवाई है। बवालियों की तलाश की जा रही है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बंदी आकाश की मां शकुंतला ने बताया कि उनके बेटे की बीमारी से मौत नहीं हुई है। उसे जान बूझ कर मारा गया है। उसकी मौत के लिए पुलिस और कारागार प्रशासन जिम्मेदार है। मामले में दाेषी लोगों का पता लगा कर उनके विरुद्ध मुकदमा लिखवाया जाए।
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प्रशासन ने पीड़ित परिवार को देगा पांच लाख
डीएम रमेश रंजन ने बताया कि जिला प्रशासन पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद करेगा। मजिस्टीरियल जांच कराने का निर्णय अभी नहीं लिया गया है। पुलिस प्रशासन अपने स्तर से जांच करा रहा है। जिस भी स्तर पर गलती मिलेगी, कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने बताया कि घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देख कर उपद्रवियों की तलाश की जा रही है। सभी को चिन्हित कर कडृी कार्रवाई की जाएगी।
मौत का कारण नहीं बता रही पुलिस
एसएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि अभी पाेस्टमार्टम रिपोर्ट को उन्होंने नहीं देखा है। देखने के बाद पता चलेगा कि बंदी की मृत्यु किस बीमारी या कारण से हुई। वहीं स्वास्थ्य विभाग के जानकारों की मानें तो हेड इंजरी होने से बंदी कोमा में चला गया था। शरीर पर भी चोट के निशान पाए गए हैंं। परंतु इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
पुलिस प्रशासन की पांच गलतियां
- भीड़ के मुताबिक पोस्टमार्टम घर के बाहर फोर्स की तैनाती नहीं की गई।
- एलआईयू भी घटना की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा सकी।
- शाम को सुहागनगर चौराहे पर धरने के दौरान भी अधिक संख्या में फोर्स तैनात नहीं किया गया।
- उपद्रव होने के काफी देर बाद अतिरिक्त फोर्स को मौके पर भेजा गया।
- शाम को धरनास्थल पर डीएम-एसएसपी पहुंच जाते तो भी बवाल नहीं होता।