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Acharya Pramod Krishnam: 'कुछ जयचंद देश को फिर से बांटने में जुटे...,' प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान

फिरोजाबाद के सिरसागंज में स्थित आर्य गुरुकुल में आयोजित आर्य महाकुंभ में रविवार को कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन और उनके योगदान पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद के व्यक्तित्व में शिव के विषपान राम की मर्यादा और कृष्ण की दूरदर्शिता का अद्भुत सम्मिश्रण था जिससे उनका प्रभावी व्यक्तित्व बना।

By Jagran News Edited By: Sakshi Gupta Updated: Sun, 17 Nov 2024 04:41 PM (IST)
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प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कुछ जयचंदों के कारण देश बंट रहा है। (तस्वीर जागरण)
 जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। जिले के सिरसागंज स्थित आर्य गुरुकुल में चल रहे आर्य महाकुंभ में रविवार को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन और उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह भी मंच पर उपस्थित रहे।

दयानंद सरस्वती के विचार आज भी प्रासंगिक हैं- आचार्य

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने महर्षि दयानंद के व्यक्तित्व और उनके अद्वितीय कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्वामी दयानंद के जीवन में शिव के विषपान, राम की मर्यादा और कृष्ण की दूरदर्शिता का अद्भुत सम्मिश्रण था, जिससे उनका व्यक्तित्व अत्यंत प्रभावशाली बना। उन्होंने अपने समय में अंधविश्वास को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए और समाज को जागरूक किया। उनके विचार और उपदेश आज भी समाज में प्रासंगिक हैं।

दयानंद सरस्वती ने देश को नई दिशा दिखाई- प्रमोद कृष्णम

आचार्य कृष्णम ने यह भी कहा कि महर्षि दयानंद ने न सिर्फ धार्मिक सुधार किए, बल्कि देश को एक नई दिशा दिखाई। उन्होंने समाज को अंधविश्वास, पाखंड और झूठे आस्थाओं से मुक्ति दिलाने के लिए कठोर संघर्ष किया। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यह भी कहा कि देश में आज भी कुछ शक्तियां हैं, जो देश को विभाजित करने की कोशिश कर रही हैं।

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देश जयचंदों को कारण एकजुट नहीं हो पा रहा है- प्रमोद कृष्णम

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "पहले देश जयचंदों के कारण गुलाम हुआ और अब भी कुछ जयचंदों के कारण देश एकजुट नहीं हो पा रहा है। हमारा संकल्प है कि हम इन जयचंदों को पहचानें और उनके मंसूबों को सार्वजनिक करें।"

प्रमोद कृष्णम ने सनातन के प्रति जताई प्रतिबद्धता

उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्र और सनातन धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि वह सदैव राष्ट्र की एकता और सनातन धर्म की रक्षा के लिए समर्पित रहेंगे। इस मौके पर प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह उपस्थित रहे।

दयानंद सरस्वती के योगदान को याद दिलाया

आचार्य प्रमोद कृष्णम के इस कार्यक्रम ने न केवल महर्षि दयानंद सरस्वती के योगदान को पुनः याद दिलाया, बल्कि समाज को उनके दृष्टिकोण और उपदेशों से प्रेरित करने का भी कार्य किया। महाकुंभ के इस आयोजन में बड़ी संख्या में आर्य समाज के अनुयायी और अन्य लोग भी उपस्थित रहे।

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