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किसान नेताओं ने आतिशबाजी कर मनाया जश्न, बांटी मिठाई

भाकियू (टिकैत) के पदाधिकारियों ने बताई किसानों की जीत केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने की उठाई मांग।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 20 Nov 2021 06:56 AM (IST)
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किसान नेताओं ने आतिशबाजी कर मनाया जश्न, बांटी मिठाई

संवाद सहयोगी, फिरोजाबाद: केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून को वापस लेने पर शुक्रवार को भाकियू (टिकैत) के पदाधिकारियों ने सुभाष तिराहे पर आतिशबाजी चलाकर व मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। इस दौरान भाकियू पदाधिकारियों ने इसे किसानों की जीत बताया।

दोपहर दो बजे सुभाष तिराहे पर आयोजित कार्यक्रम में संगठन के जिलाध्यक्ष प्रेम अतुल यादव ने कहा कि केंद्र सरकार तीन काले कृषि कानून लागू कर किसानों को बांटना चाहती थी, लेकिन आंदोलन को देखते हुए वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाई। यह किसानों की जीत है। इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू होना चाहिए। मौके पर ऊषा देवी, अंकित यादव, अजीत यादव, प्रवीन चौधरी, श्रीदेवी, सरस्वती, दिनेश सिंह, मनोज यादव आदि उपस्थित रहे। वहीं संगठन के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजेंद्र सिंह टाइगर के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने जसराना के बड़ा गांव में किसानों को मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। इस दौरान डा. प्रवीन कुमार, ओम सिंह, चंद्रभान, मान सिंह, लक्ष्मीकांत, भगत सिंह, धनवीर सिंह उपस्थित रहे।

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- कांग्रेसियों ने बोधाश्रम चौराहा किया मिष्ठान वितरण

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष हाजी साजिद बेग के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने बोधाश्रम चौराहे पर राहगीरों को मिठाई बांटी। महानगर अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि कानून लागू करना चाहती थी। एआइसीसी सदस्य प्रकाश निधि गर्ग ने कहा कि भाजपा आंदोलन में शामिल किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी के नाम से नवाज रही थी। मौके पर वकार खालिक, मनीष द्विवेदी, नुरूल हुदा लाला राइन, चमन राठौर आदि उपस्थित रहे। -सरकार ने दबाव में वापस लिए काले कानून: प्रसपा लोहिया वाहिनी जिलाध्यक्ष इंजीनियर राजकुमार यादव का कहना है कि सरकार ने किसानों के दबाव में तीनों काले कानून वापस लिए हैं। एक साल में किसानों पर तमाम अत्याचार हुए। सच्ची माफी तभी होगी, जब मोदी सरकार किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को शहीद घोषित कर एक-एक करोड़ का मुआवजा दे।

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