Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

यूपी की इस सीट पर नतीजे से पहले मायावती के प्रत्याशी ने स्वीकारी हार, कहा- 'अल्लाह से नहीं सैफई परिवार से डरते हैं यहां के मुसलमान'

Firozabad BSP Candidate Chaudhary Bashir फिरोजाबाद से बसपा प्रत्याशी चौधरी बशीर ने वीडियो संदेश जारी कर कहा- मेरी हार से मुसलमानों को बहुत पछताना पड़ेगा। आज फिरोजाबाद का मुसलमान सैफई परिवार की बेड़ियों में जकड़ा हुआ है। बशीर को मायावती ने नामांकन से पहले उम्मीदवार बनाया था। पूर्व में घाेषित प्रत्याशी का टिकट काटकर फिरोजाबाद से उन्हें प्रत्याशी बनाया गया था।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 08 May 2024 08:11 AM (IST)
Hero Image
Firozabad News: मायावती के उम्मीदवार बशीर ने मानी हार।

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। मतदान समापन के एक घंटे बाद ही बसपा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री चौधरी बशीर ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने पहले बयान जारी किया कि मुसलमानों ने मुझे वोट न देकर यह साबित किया कि वे सच्चे व पक्के मुसलमान है।

बाद में जारी किए गए वीडियो संदेश में वे हमलावर नजर आए। कहा कि फिरोजाबाद के मुसलमान अल्लाह से नहीं, बल्कि सैफई परिवार से डरते हैं। अब कई वर्षों तक उनको ऐसा मौका नहीं मिलेगा। इसके लिए मुसलमानों को बहुत पछताना पड़ेगा। बसपा प्रत्याशी ने वीडियो में कहा कि उन्होंने फिरोजाबाद के मुसलमानों को बहुत समझाने की कोशिश की थी कि इस बार बसपा का बेस वोट पूरी तरह हमारे साथ है।

सपा पर लगाए माहौल बिगाड़ने के आरोप

बशीर ने कहा कि इस बार यदि वे साथ दे देंगे तो उनके बीच से एक सांसद बन जाएगा, लेकिन मुसलमान समाज के कुछ लोग, जो सपा के कार्यकर्ता हैं, उन्होंने माहौल को बिगाड़ने का पूरा प्रयास किया और बसपा को वोट नहीं पड़ने दिया। अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि मेरी हार के लिए मुसलमानों को काफी पछताना पड़ेगा।

ये भी पढ़ेंः Lok Sabha Election: तीसरे चरण में नहीं हुई 'वोटों की बारिश', आगरा की दाेनों लोकसभा सीटों पर बस इतना हुआ मतदान

ये भी पढ़ेंः Mainpuri Lok Sabha Chunav: 'सपा के गढ़' में जमकर पड़े वोट, टूटा पिछले दो चुनावों का रिकॉर्ड, मुकाबले में डिंपल यादव और जयवीर सिंह

चार जून को पता लगेगा क्या खाेया और क्या पाया

बशीर ने कहा, कि उन्होंने एक सुनहरा मौका खो दिया। फिरोजाबाद के मुसलमानों को गुलामी की आदत पड़ चुकी है। वह सैफई परिवार से बाहर नहीं निकल पा रहा है। जब चार जून को चुनाव परिणाम आएगा, तो उनको यह समझ में आएगा कि उन्होंने क्या पाया और क्या खोया। चुनाव तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन यह चुनाव यादगार रहेगा।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें