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Firozabad: पिटाई से हुई थी आकाश की मौत!, संदेह के घेरे में पुलिस और जेल प्रशासन; अब मजिस्ट्रीयल जांच से होगा स्पष्ट

Firozabad News In Hindi पुलिस कहती है जेल भेजने तक आकाश के कहीं चोट नहीं थी। जेल के एंट्री रजिस्टर में ये बात है। जेल प्रशासन कहता है कि जेल में बंदी के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे उसके चोट लगती। ऐसे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने दोनों विभागों की पुलिस को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया। कहीं तो कुछ ऐसा हुआ जिसे छिपाया जा रहा है।

By Rajeev Sharma Edited By: Abhishek Saxena Published: Sun, 23 Jun 2024 08:35 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2024 08:35 AM (IST)
Firozabad News: बंदी आकाश का फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। नगला पचिया निवासी बंदी आकाश की मौत पिटाई से हुई थी। सिर में चोट लगने (हैडइंजरी) से हुई। ये पिटाई पुलिस अभिरक्षा में थाने में हुई या न्यायिक अभिरक्षा में जेल में? ये ऐसा सवाल है जिसका जवाब अभी किसी के पास नहीं है।

थाना दक्षिण क्षेत्र के नगला पचिया निवासी 27 वर्षीय एससी आकाश कुमार और उसके दोस्त शिवम सिंह निवासी हंस वाहिनी स्कूल वाली गली नाले की पुलिया हिमायूंपुर को पुलिस ने मंगलवा शाम चार बजे चोरी की बाइक, बाइक के कटे पार्ट्स और तमंचे के साथ गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने आकाश से उपकरण बरामद होना दिखाए थे। बुधवार सुबह ट्रामा सेंटर पर डाक्टरी परीक्षण के बाद दोनों को न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया था। डाक्टरी परीक्षण के दौरान आकाश के शरीर पर चोट के निशान थे।

जेल अधीक्षक एके सिंह के अनुसार आकाश को दोपहर डेढ़ बजे जेल में दाखिल किया गया था। गुरुवार देर रात बैरक नंबर 14 में 38 बंदियों के साथ बंद आकाश की तबीयत खराब हो गई। रात में जेल में उपचार से वह ठीक हो गया, लेकिन शुक्रवार सुबह पांच बजे उसकी तबीयत फिर बिगड़ी तो उसे ट्रॉमा सेंटर भिजवाया गया। वहां 6.35 बजे उसकी मृत्यु हो गई।

शव घर ले जाते समय बिगड़े हालात और हुआ बवाल

पोस्टमार्टम के बाद शव को घर ले जाते समय हालात बिगड़े और सुहाग नगर के हिमांयूपुर चौराहा पर रात को जमकर बवाल हुआ। तीन डाक्टरों के पैनल कराए गए शव के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट बताती है कि सिर के साथ ही आकाश के दोनों पैर, हाथ और कंधे समेत शरीर के कई अंगों पर चोट थी। कुछ जगह नीले निशान पड़ गए थे।

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एसएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि जेल में दाखिल करने से पहले तक आकाश के शरीर पर चोट के निशान नहीं थे। वहीं जेल अधीक्षक सिंह ने बताया कि जेल के अंदर ऐसी कोई घटना नहीं हुई जिससे बंदी को चोट आए। मजिस्ट्रीयल जांच होने पर सब स्पष्ट हो जाएगा।

जेल प्रशासन ने पुलिस अधिकारियों को भी नहीं दी सूचना

हैरत की बात यह है कि आकाश का शव शुक्रवार सुबह 5.35 बजे पोस्टमार्ट घर में रखवा दिया गया था, लेकिन उसके स्वजन और पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना नहीं दी गई। एसएसपी ने बताया कि दोपहर 1.30 बजे उन्हें कुछ अन्य लोगों से बंदी की मृत्यु की जानकारी मिली, जबकि स्वजन भी सुबह तक घटना से अनभिज्ञ रहे। गुरुवार रात जब तबीयत बिगड़ी तभी अधिकारियों और बंदी के स्वजन सूचना दी जानी चाहिए थी।

आकाश के पिता बीरी सिंह और साले भोला ने बताया कि उन्हें सुबह छह बजे आकाश के साथ जेल भेजे गए शिवम सिंह की मां के जरिए मामले की जानकारी हुई। वहीं जेल अधीक्षक ने बताया कि बंदी की मृत्यु के बाद रेडियोग्राम भेज कर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को जानकारी दी गई थी।

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जेल अधीक्षक का नहीं उठा फोन

जेल में एंट्री के समय कोई चोट नहीं थी तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोटें कहां से आईं। जेल प्रशासन ने बंदी की मौत की सूचना रेडियोग्राम के जरिए कितने बजे प्रशासन को दी इन सवालाें के जवाब के लिए जेल अधीक्षक को कई बार किए, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।


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