फिरोजाबाद में महिला को तमंचा दिखा सामूहिक दुष्कर्म, मायावती ने बोली- घटनाओं को रोक पाने में सरकार विफल
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में एससी महिला के साथ कुछ लोगों ने विधवा महिला को तमंचा दिखा सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। महिला ने आरोप लगाया 28 जुलाई को विकास यादव उसके पिता दिनेश व दोस्त टिल्ला उसके घर में जबरन घुस आए। गालीगलौज करते हुए टिल्ला ने उसके मुंह में तमंचा डाल कर जमीन पर पटक दिया। इसके बाद विकास और टिल्ला ने गलत काम किया।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। थाना उत्तर क्षेत्र के मुहल्ले की निवासी एससी विधवा महिला से अरांव क्षेत्र के गांव के निवासी पिता-पुत्र समेत तीन लोगों ने कुछ दिन पहले गालीगलौज, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। उसमें से दो युवकों ने उससे सामूहिक दुष्कर्म किया।
पीड़िता ने मंगलवार को उत्तर थाने में तहरीर दी थी। बुधवार को आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी गई। दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं घटना को लेकर बसपा मुखिया मायावती ने एक्स पर पोस्ट किया है।
पीड़िता ने बताया कि कुछ महीने पहले शिकोहाबाद तहसील में उसकी जान पहचान विकास यादव निवासी पिडसरा भारौल, अरांव से हुई थी। दोनों के बीच आए दिन मोबाइल पर बात होने लगी। बाद में विकास उसे अनावश्यक फोन करके परेशान करने लगा। वह जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर जान से मारने की धमकी भी देता था।
पीड़िता को जान से मारने की धमकी
28 जुलाई को देर शाम सात बजे वह बच्चों के साथ घर पर थी। इस बीच विकास यादव, उसके पिता दिनेश यादव व दोस्त टिल्ला उसके घर में जबरन घुस आए। गालीगलौज करते हुए टिल्ला ने उसके मुंह में तमंचा डाल कर जमीन पर पटक दिया। इसके बाद विकास और टिल्ला ने गलत काम किया। बाद में आरोपित जान से मारने की धमकी देकर भाग गए थे।
लोकलाज के कारण इस घटना की शिकायत पुलिस से नहीं की।
आरोप है कि चार अगस्त की शाम सात बजे विकास ने फिर उसे जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद उसने प्राथमिकी लिखवाने का निर्णय लिया। मंगलवार को पीड़िता के साथ बसपा के कई वरिष्ठ नेता उत्तर थाने पर आए थे।
सीओ हिमांशु गौरव ने बताया कि विकास और टिल्ला को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं बसपा मुखिया मायावती ने बुधवार शाम एक्स पर पोस्ट में कहा कि फिरोजाबाद में भी एससी विधवा महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। इसकी जितनी भर्त्सना की जाए वह कम है। ऐसी घटनाओं को रोक पाने में सरकार की विफलता उतनी ही निंदनीय है। सरकार को अपनी कथनी और करनी में अंतर को मिटाने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ताकि सभी लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।