हवाला क्वीन भाभी बनीं गैंगस्टर
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: दीपावली से पहले शहर के कारोबारियों को सौ करोड़ से का चूना लगा फरार हुई हवाला क्वीन भाभी पर पुलिस गैंगस्टर लगा दिया है।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: दीपावली से पहले शहर के कारोबारियों को सौ करोड़ से ज्यादा का चूना लगाने वाली हवाला क्वीन उर्फ ड्राफ्टवाली भाभी उर्फ मंजू गर्ग का सात महीने में सुराग लगाने में नाकाम पुलिस ने अब शिकंजा कस दिया है। मंजू और उसके पति प्रदीप के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया है। चालबाज दंपति कहां हैं, इसका पता किसी को नहीं है।
लगभग दो दशक से कारोबार जगत में हवाला का कारोबार देखने वाली मंजू गर्ग ने पहले ड्राफ्ट कैश करने का काम शुरू किया था। भरोसा जीतने के बाद मंजू एवं उसके पति प्रदीप गर्ग ने बड़े कारोबारियों के साथ फैक्ट्रियों में साझेदारी की। इसके साथ ही वे रीयल एस्टेट में भी उतरे और रहना रोड पर कृष्णा हाइट्स बनाया। फ्लैट व प्लाट बु¨कग और उधार के रूप में शहर के तमाम कारोबारियों से करोड़ों रुपये लिए। अक्टूबर में भाभी अपने पति के साथ अचानक गायब हो गई। कुछ दिन बाद बीमार होने का ड्रॉमा करने के बहाने फीरोजाबाद आई और सामान भी समेटकर ले गई। करोड़ों रुपये लेकर हवाला क्वीन के फरार होने से कारोबारियों में खलबली मची और फिर दक्षिण थाने में दो मुकदमे दर्ज हुए। पुलिस ने दबिश दी तो कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर ले लिया। इसके चलते पुलिस सुस्त पड़ गई। अब दक्षिण पुलिस ने भाभी एवं उसके पति पर शिकंजा और कड़ा करते हुए दोनों पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीओ सिटी डॉ. अरुण कुमार ¨सह ने बताया कि पूर्व में दर्ज मुकदमे में चार्जशीट लग चुकी है। अब गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई है, जिसमें गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस टीमें दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी को दबिशें दे रही हैं। --इन्होंने दी थी तहरीर:
शहर के ओम विला निवासी नीता गुप्ता पत्नी अनुराग गुप्ता, गणेश नगर निवासी रोहित अग्रवाल, विभव नगर के सुरेश कुमार ¨सह तथा जलेसर रोड के राजेंद्र अग्रवाल ने दोनों के खिलाफ तहरीर दी थी, जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। इसी मुकदमे में अन्य लोगों को भी शामिल किया गया है।
- लाखों रुपये महीने का चुकाती थी ब्याज
फरार होने से पहले ड्राफ्टवाली भाभी शहर के कई लोगों को लाखों रुपये महीने का ब्याज दे रही थी। सूत्रों की मानें तो भाभी का काम ठीक चल रहा था, मगर उसके पति के कारोबार में रकम फंसती गई और ब्याज का मीटर दौड़ता रहा। बाजार का दबाव बढ़ने के बाद वह भाग निकली। एक बार लौटने पर कुछ लोगों ने अपनी रकम की एवज में जमीन भी लिखवा ली थी।