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IAS Deeksha Jain की सोच से संवरे तालाब, डार्क जोन में बढ़ने लगा जलस्तर

आईएएस अधिकारी दीक्षा जैन ने नवाचार और संकल्प से भूगर्भ के जल स्तर की सेहत सुधारने में सफलता प्राप्त की। उनके प्रयास से भूमिगत जलस्तर 4.37 मीटर तक बढ़ गया। यह प्रयोग अब अन्य जगहों के लिए भी एक नजीर बन गया है। दीक्षा जैन ने तालाबों की खुदाई और सफाई के कार्य को तीन गुणा बढ़ाया और ड्रोन कैमरों की मदद से तालाबों की स्थिति को चिह्नित किया।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 26 Sep 2024 08:25 PM (IST)
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दौंकेली गांव में जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए बने तालाब का ड्रोन से लिया गया चित्र: विभाग द्वारा उपलब्ध।

राजीव शर्मा, फिरोजाबाद। तालाबों में जल संरक्षित कर भूजल की सेहत संवारने की कवायद तो हर वर्ष होती थी, लेकिन परिणाम सिफर ही रहते थे। मगर एक आईएएस अधिकारी ने संकल्प और नवाचार से भूगर्भ के जल स्तर की सेहत का उपचार किया तो हालात बदल गए। परिणाम ऐसा आया कि उसे सबने महसूस किया। नौ में से पांच ब्लाकों में भूमिगत जलस्तर 4.37 मीटर तक बढ़ गया। महिला आईएएस अधिकारी का यह प्रयोग अब नजीर बन रहा है।  

कांच नगरी के नाम से मशहूर फिरोजाबाद जिले में भूमिगत जलस्तर लगातार गिर रहा था। इससे एक-एक कर छह ब्लाक डार्क जोन में और तीन सेमी डार्क जोन की श्रेणी में पहुंच गए। 

हालात ऐसे हुए कि नगर निगम क्षेत्र में लगे सभी हैंडपंप सूख गए हैं और नलकूप भी फेल होने लगे हैं। शहर की प्यास बुझाने के लिए जेड़ाझाल नहर से गंगाजल की आपूर्ति कराई गई। 

अगस्त 2022 में मुख्य विकास अधिकारी बनकर आईं आईएएस दीक्षा जैन ने ग्रामीण क्षेत्र को डार्क जोन से निकालने के लिए संकल्प लिया। हर वर्ष मनरेगा एवं विकास विभाग द्वारा 200-250 तालाबों की खुदाई और सफाई ही कराई जाती थी। इसका लक्ष्य बढ़ाकर उन्होंने तीन गुणा कर दिया।    

आईएएस दीक्षा ने संकल्प को सफल बनाने के लिए सबसे पहले ड्रोन कैमरों की मदद से तालाबों की वास्तविक भौगोलिक स्थिति को चिह्नित करवाया। इससे अतिक्रमण और मौजूदा स्थिति की सटीक जानकारी मिली और फिर हर तालाब के लिए अलग से रणनीति बनाई गई। 

इसके बाद तालाबों के जीर्णोद्धार के कार्य शुरू कराए। तालाबों को पास के नहर और बंबों से जोड़ा गया, जिससे गर्मियों में भी उनमें पानी रहे। परिणाम ये हुआ है कि जो तालाब वर्षों से गंदगी और सिल्ट से अटे पड़े थे या सूख गए थे। वे भी पुनर्जीवित हो गए। 

वर्षा का लाखों लीटर उनमें संरक्षित होकर धरती के अंदर तक पहुंचा। राज्य भूगर्भ जल विभाग द्वारा इस वर्ष मानसून से पहले जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि जिले के भूमिगत जलस्तर में काफी सुधार हुआ है। 

उम्मीद जताई जा रही है कि मानसून के बाद के आंकड़े और भी अच्छा परिणाम लेकर आएंगे। हालांकि, दीक्षा जैन का तबादला हो चुका है, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य से आने वाले वर्षों में भूगर्भ जल की सेहत संवरने की उम्मीद जगी है।   

कहां कितना बढ़ा जलस्तर

ब्लाक जलस्तर बढ़ा (मीटर में)
अरांव 4.12
एका 2.52
जसराना  4.37
हाथवंत 2.12 
मदनपुर 1.60
नारखी 0.27
शिकोहाबाद 1.06

पानी की कमी गंभीर समस्या है, जो लगातार बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए हमें अभी से प्रयास करने होंगे। इसलिए फिरोजाबाद में तालाबों के साथ ही 352 अमृत सरोवर तैयार कराए गए। सरकारी भवनों के रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दुरुस्त कराए गए। इसका भी अच्छा परिणाम सामने आया। इस वर्ष जिले की पांच मौसमी नदियों की सफाई का कार्य विशेष रूप से हो रहा है। इससे भी जल स्तर में सुधार होगा।    

-दीक्षा जैन, आईएएस    

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