Indian Army: सियाचिन की सर्दी से जवानों को बचाएगी स्वदेशी वर्दी, Make in India के तहत होगा उत्पादन
ओईएफ के डिविजनल आफिसर मार्केटिंग परवेज वैदर ने बताया कि ड्रेस का कपड़ा लुधियाना समेत अन्य शहरों से खरीदा जाएगा। इसमें नायलान पालिस्टर और थर्मल इंसुलेटर को प्रोसेस करके ड्रेस तैयार की जाएगी। इसके लिए फैक्ट्री में मशीनें मंगा ली गई हैं। ड्रेस में कपड़ों की तीन लेयर होगी जिसमें छह तरह के गार्मेंट्स का प्रयोग किया जाएगा। ताकि सर्दी इसे न भेद सके।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 04 Sep 2023 06:47 AM (IST)
पुनीत रावत, फिरोजाबादः सियाचिन पर फौजियों के शरीर को भेदने वाली सर्दी के प्रहार से अब स्वदेशी वर्दी बचाएगी। माइनस 50 डिग्री सेल्सियस के तापमान में ड्यूटी करने वाले फौजियों के लिए अब देश में ही क्लाइमेट सिस्टम ड्रेस तैयार होगा।
पैराशूट बनाने वाली आर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) में मेक इन इंडिया के तहत इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। ओईएफ के डिविजनल आफिसर मार्केटिंग परवेज वैदर ने बताया कि सियाचिन में माइनस 50 डिग्री सेल्सियस के तापमान में ड्यूटी करना जवानों के लिए काफी मुश्किल भरा होता है। इन सैनिकों की सुरक्षा को लिए स्टीम कोल्ड वैदर क्लोथिंग सिस्टम के तहत ड्रेस तैयार की जाती है।
अब तक इस तरह की ड्रेस सिंगापुर, मलेशिया और अमेरिका से मंगाई जाती थी। अब इसे देश में तैयार करने की योजना को मंजूरी मिली है।
ऐसे बनेगी विशेष वर्दी
परवेज वैदर ने बताया कि ड्रेस का कपड़ा लुधियाना समेत अन्य शहरों से खरीदा जाएगा। इसमें नायलान, पालिस्टर और थर्मल इंसुलेटर को प्रोसेस करके ड्रेस तैयार की जाएगी। इसके लिए फैक्ट्री में मशीनें मंगा ली गई हैं।
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ड्रेस में कपड़ों की तीन लेयर होगी, जिसमें छह तरह के गार्मेंट्स का प्रयोग किया जाएगा। ताकि सर्दी इसे न भेद सके। कपड़ों में सिलाई वाली जगह से हवा आसानी से पार हो जाती है। ड्रेस में सिलाई के बाद अंदर की ओर टेप लगाया जाएगा। ताकि हवा बिल्कुल भी अंदर प्रवेश नहीं कर सकेगी। जिससे सर्दी सहन करने में आसानी रहेगी।
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