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यूपी के इस जिले में हुआ जमीन के बदले जमीन घोटाला; लेखपाल ने पिता के नाम कराया था बैनामा, डीएम ने किया निलंबित

Land Scam Case In Firozabad जमीन के स्वामित्व के विवाद में सिरसागंज तहसील के अधिकारियों ने घूसखोरी का ऐसा खेल खेला कि पूरे प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई। दूसरे पक्ष से जमीन के बदले जमीन का सौदा करके करोड़ों की जमीन अपने रिश्तेदार और परिचितों के नाम करा ली। शिकायत हुई तो डीएम ने एक्शन लिया। अब लेखपाल को भी निलंबित किया गया है।

By Rajeev Sharma Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 07 Jul 2024 03:44 PM (IST)
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विवादित जमीन का बैनामा जिस पर नाम दर्ज है: फोटो शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध।
जागरण टीम, फिरोजाबाद: जमीन के बदले जमीन घोटाले में सिरसागंज तहसील के राजस्व निरीक्षक कार्यालय (आरआईओ) का कार्य देख रहे लेखपाल ने भी अपने पिता के नाम बैनामा कराया। खास बात ये है कि 1.32 हैक्टेयर के इस बैनामे में नायब तहसीलदार की साली और एसडीएम के शहर के एक व्यक्ति का नाम भी है। तीनों ने मिलकर इस टुकड़े को खरीदा।

सिरसागंज के गांव रुधैनी में विवादित जमीन का निर्णय देने के नाम पर अधिकारियों और जीते पक्ष की जुगलबंदी बैनामों से साबित हो रही है। डीएम रमेश रंजन द्वारा कराई की गई जांच में ये बात सामने आ चुकी है कि तहसीलदार का कार्य देख रहे नायब तहसीलदार नवीन कुमार की सास, ससुर और साली के नाम से बैनामे हुए।

एसडीएम विवेक राजपूत के गृह जनपद जालौन के दो लोगों और आरआईओ अभिलाष के करीबियों के नाम से भी जमीन खरीदी गई। ग्रामीणों के अनुसार रुधैनी में एक बीघा खेत की कीमत इस समय छह लाख रुपये है। इस हिसाब से 75 बीघा जमीन 4.50 करोड़ रुपये है। इसका एक टुकड़ा इन तीनाें ने मिलकर खरीदा। जिसकी कुल मालियत 45 लाख रुपये है, लेकिन खरीद 43 लाख रुपये दर्शाई गई है। पहले खरीददार के रूप में दीपक राजपूत का नाम दर्ज है जो गांव बरसार तहसील उरई, जालौन के रहने वाले हैं। एसडीएम विवेक राजपूत का गृह जनपद जालौन है।

लेखपाल अभिलाष के हैं पिता

दूसरे खरीदारदार के रूप में अनीता सिंह निवासी फ्रेंड़्स कालाेनी, आगरा का नाम है जो नायब तहसीलदार नवीन कुमार की साली हैं। वहीं तीसरे खरीददार के रूप में सर्वेश कुमार निवासी भदावर हाउस, बिछिया रोड, मैनपुरी का नाम दर्ज है। जो लेखपाल अभिलाष के पिता हैं।

लेखपाल को किया निलंबित

तीनों अलग-अलग जिलों के हैं, अलग-अलग जातियों के हैं। इसके बाद भी एक ही जमीन खरीदने के लिए साझीदार बन गए। ये अपने आप में अजीब है। एसडीएम सिरसागंज आदेश सिंह सागर का कहना है कि लेखपाल को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है।

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नायब तहसील ने रखा अपना पक्ष

नायब तहसीलदार नवीन कुमार ने शनिवार को अपना पक्ष रखा। उन्होंने दैनिक जागरण को फोन पर बताया कि इस मामले में निर्णय देने से लेकर बैनामे तक उनकी कोई भूमिका नहीं है। उनका कहना है कि रुधैनी की विवादित भूमि की सभी पत्रावली एसडीएम कोर्ट से चलीं। जिसके पक्ष में निर्णय हुआ उसने जिला पंचायत सदस्य हरीश धनगर के माध्यम से उनके ससुरालीजन को कुछ हिस्सा बेचा।

आरोप लगाने वाले योगेंद्र ने खुद एक स्कूल की जमीन पर कब्जा कर रखा था। उसे तहसील की टीम ने हटवाया था। विवादित भूमि कभी भी योगेंद्र के नाम नहीं रही। इसलिए उनके द्वारा खेती करने और फसल को नष्ट करने की बात कहना ही गलत है।

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