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Lok Sabha Chunav: 'सपा का किला' अक्षय यादव ने किया मजबूत, फिरोजाबाद सीट पर ये रहे भाजपा की हार के प्रमुख कारण

Firozabad News In Hindi पहले राउंड से ही बढ़त बनाए रहे अक्षय यादव। सपा के अक्षय यादव ने भाजपा के ठा. विश्वदीप सिंह को 89312 वोटों से हराया। भाजपा सीट बरकरार रखने में फेल रही। जिससे कमल मुरझा गया। सपा के अक्षय यादव ने भाजपा के ठा. विश्वदीप सिंह को 89312 वोटों से हराया। भाजपा फिरोजाबाद विधानसभा सीट से भी हारी है। टूंडला ने ही लाज बचाई।

By Rajeev Sharma Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 05 Jun 2024 07:49 AM (IST)
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Firozabad News: अक्षय यादव सांसद बनने के बाद परिवार के साथ।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। सपा का किला अब भी मजबूत है। अक्षय यादव को दूसरी बार मिली बड़ी जीत ने यह साबित कर दिया। सपा की साइकिल फुल स्पीड दौड़ी। उसे सभी विधानसभा क्षेत्रों में रास्ता साफ मिला। 

फिरोजाबाद लोकसभा सीट को सपा का गढ़ माना जाता है। 2009 में अखिलेश यादव और डिंपल यादव भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। उनकी विरासत को 2014 में हुए चुनाव में अखिलेश के चचेरे भाई और सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अक्षय यादव ने संभाला। पहले ही चुनाव में वह यहां से जीत कर संसद पहुंचे थे।

2019 को चुनाव हारने के बाद भी सपा ने तीसरी बार उन्हें चुनाव मैदान में उतारा। उनके मुकाबले में मजबूत प्रत्याशी की तलाश में भाजपा को गहन चिंतन करना पड़ा। पूरे ब्रज में यही एक सीट ऐसी थी, जिस पर भाजपा का प्रत्याशी सबसे बाद में घोषित हुआ। पार्टी ने 2014 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और हारे ठा. विश्वदीप सिंह को चुनाव लड़ाया, लेकिन वह पार्टी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए।

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पहले राउंड से ही दिखने लगे संकेत

शिकोहाबाद मंडी समिति में मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हुई मतगणना के पहले राउंड से ही इसके संकेत दिखाई देने लगे। अक्षय यादव को 2168 वोटों की ऐसी बढ़त मिली जिसे ठा. विश्वदीप सिंह अंत तक पछाड़ नहीं पाए। हालांकि दूसरे राउंड में उन्हें अक्षय से 1872 अधिक वोट मिले, लेकिन वह इसे बरकरार नहीं रख सके। कुल 32 राउंड की मतगणना के बाद अक्षय यादव को विजयी घोषित कर दिया गया। अक्षय को कुल 5,43,037 और विश्वदीप सिंह को 4,53,725 वोट मिले। वहीं बसपा के चौ. बशीर तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें 90,948 वोट मिले।

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ये रहे भाजपा की हार के कारण

  1. प्रत्याशी की घोषणा में देरी।
  2. टिकट की दौड़ में शामिल सभी दावेदारों को दरकिनार कर घर बैठे कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाना।
  3. भितरघात, पार्टी के छोड़े-बड़े नेताओं की नाराजगी।
  4. कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी।
  5. निषाद, लोधी, बघेल वोटों का बंटवारा।

ये रहे सपा की जीत के कारण

  • प्रत्याशी को लेकर कोई दुविधा नहीं थी। अक्षय यादव ही प्रत्याशी होंगे। ये तय था।
  • यादव और मुस्लिम मतदाताओं की एकजुटता।
  • इस बार मुस्लिम मतदाताओं ने चौधरी बशीर जैसे मुस्लिम प्रत्याशी को भी नकार दिया। बशीर को फिरोजाबाद विस क्षेत्र से मात्र 11,656 वोट मिले।
  • भाजपा की सरकार बनी तो संविधान और आरक्षण बदल देगी। ये संदेश एससी वर्ग का समझाने में सफल रही। भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी।

प्रत्याशी की बात

मैंने पहले ही कहा था भाजपा फिरोजाबाद और मैनपुरी में बलि का बकरा तलाश रही है। जनता ने विकास को वोट दिया है। हम इसका सम्मान करते हैं। पूरा प्रयास करूंगा कि जनता की उम्मीदों पर खरा उतरूं। -अक्षय यादव, सपा प्रत्याशी

पार्टी ने मुझ पर जो विश्वास जताया। मैंने उस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया। जनता ने भी मुझे प्यार दिया। ये अलग बात है कि जीत नहीं पाया। इसके पीछे कई कारण हैं। इन पर विचार किया जाएगा। -ठा. विश्वदीप सिंह, भाजपा प्रत्याशी

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