Firozabad News: चूड़ी और कांच उद्योग को मिलेगी नई पहचान, 50 करोड़ के बजट से बनेगा विश्वस्तरीय ग्लास म्यूजियम
Firozabad News विश्वस्तरीय ग्लास म्यूजियम बनाने के लिए प्रयास तेज हुए हैं। प्रदेश में दूसरी बार सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आवश्यकता को समझा। निकाय चुनाव से पहले सभा करने आए मुख्यमंत्री ने ब्रांडिंग पर जोर दिया था। पर्यटन मंत्री ठा. जयवीर सिंह का गृह जनपद होने के कारण ग्लास म्यूजियम बनाने की योजना पर काम और आसान हो गया।
जागरण संवाददाता, (राजीव शर्मा) फिरोजाबाद। दशकों की मांग और इंतजार के बाद कांच एवं चूड़ी उद्योग को नई पहचान दिलाने के लिए ग्लास म्यूजियम बनाने का रास्ता साफ हो गया है। पर्यटन विभाग द्वारा जिला मुख्यालय पर म्यूजियम बनाया जाएगा।
जिसमें वेटिंग लाउंज, कैफेटेरिया, सभाकक्ष एवं रेस्ट हाउस जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं होंगीं। खास बात ये होगी कि इसके साथ 500 सीट की क्षमता वाला आडिटोरियम भी बनाया जाएगा। जिससे इसकी उपयोगिता और बढ़ जाएगी।
विदेशाें में भी है चूड़ियों की पहचान
कांच की चूड़ियां पूरे विश्व में केवल सुहाग नगरी में ही बनती हैं। यहां बने कांच उत्पादों की भी विदेशों में खास पहचान है। इसके बाद भी जिले में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां आकर देश-विदेश के पर्यटक एवं व्यापारी इन उत्पादों की विशेषता समझ सकें। चूड़ियों की खनक सुन सकें। कांच की चमक देख सकें। इसके लिए उद्यमी लंबे समय से ग्लास म्यूजियम की मांग करते आ रहे थे।
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हाईवे से सटे जिला मुख्यालय पर 18,900 वर्ग फीट क्षेत्र में म्यूजियम के साथ आडिटोरियम और पर्यटन संस्कृति केंद्र बनाने का प्रस्ताव बनाया गया है। इनके निर्माण पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शनिवार को पर्यटन विभाग के आर्किटेक्ट ने डीएम डा. उज्ज्वल कुमार के शिविर कार्यालय में प्रजेंटेशन दिया गया।
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इस दौरान उपस्थित नगर विधायक मनीष असीजा, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष अतुल प्रताप सिंह, एसएसपी आशीष तिवारी, सीडीओ दीक्षा जैन, एडीएम अभिषेक कुमार सिंह, पर्यटन अधिकारी विशाल श्रीवास्तव, महाप्रबंधक यूपीपीसीएल आदि ने इसे सराहा और चूड़ी व कांच उद्योग के विकास के लिए मील का पत्थर बताया।
पहले सीडीजीआई में बनाने का था प्रस्ताव
ग्लास म्यूजियम पहले जलेसर रोड स्थित कांच उद्योग विकास केंद्र (सीडीजाीआई) में बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन वहां स्थान कम था। जिससे वहां म्यूजियम के साथ आडिटोरियम नहीं बनाया जा सकता था। पर्यटन अधिकारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा म्यूजियम बनाने के लिए अनुमति भी अभी तक नहीं दी गई। इसलिए इसे जिला मुख्यालय पर बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।