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मुठभेड़ में ग्रेनेडियर गुर्जर ने सीने पर खाई थी गोली

विनोद मावी, लोनी : बांदीपुरा जम्मू कश्मीर- पाकिस्तान बार्डर के समीप 14 जून सन् 2004 की रात्रि गश्त क

By Edited By: Updated: Fri, 14 Aug 2015 01:59 PM (IST)
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विनोद मावी, लोनी : बांदीपुरा जम्मू कश्मीर- पाकिस्तान बार्डर के समीप 14 जून सन् 2004 की रात्रि गश्त के दौरान आतंकियों से आमने सामने की हुई मुठभेड़ में देश के दो सपूतों ने शहादत पाई थी। जान की बाजी लगाकर आतंकियों से भिड़ने वाले लोनी के मेवला भट्टी गांव निवासी शहीद ग्रेनेडियर सुनील कुमार गुर्जर के साथ ही राजस्थान के जांबाज जवान राजेश गुर्जर भी शहीद हो गए थे। लोनी के दर्जनों शहीदों की फेहरिश्त में शहीद ग्रेनेडियर सुनील का नाम जुड़ने के बाद से मेवला भट्टी के लोग भी गर्व से खुद को शहीद के गांव का वासी कहने लगे हैं।

आतंकियों से मुठभेड़ जब हुई तो शहीद सुनील गुर्जर की सर्विस महज सात साल पुरानी ही हो सकी थी। हालांकि दोनों जवानों की शहादत का बदला भी तुरंत ही सेना ने ले लिया और जवाबी कार्रवाई कर चार आतंकवादियो को मार गिराया था। शहादत के दो दिन बाद 16 जून को शहीद जवान का राष्ट्रीय ध्वज में लिपटा शव उनके निवास पर पहुंचा था। सेना ने राजकीय सम्मान के साथ सात तोपों की सलामी दी थी। शहीद के पिता सुरेन्द्र पहलवान के मुताबिक शहीद की पेंशन उनकी माता विमला को मिल रही है। केन्द्र सरकार द्वारा साढे़ सात लाख रुपये की आíथक सहायता मुहैया कराई गई थी। गांव के मुख्य द्वार पर शहीद के नाम पर एक गेट का निर्माण कराया गया है। गेट के बराबर मे शहीद ग्रेनेडियर सुनील गुर्जर की समाधि बनाई गई है। यहां हर साल शहादत के दिन परिजनों, ग्रामीणों व क्षेत्रवासियों द्वारा शहीद को पुष्प अíपत कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी जाती है। परिवार में पिता सुरेन्द्र पहलवान के अलावा माता विमला, भाई राहुल समेत पूरा परिवार है।