प्रत्येक जोन में 40 कर्मचारी, फिर भी सड़कों पर अंधेरा
अभिषेक सिंह गाजियाबाद शहर में सड़कों को रोशन करने के लिए 58760 स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। इनमें से ज्यादातर अब शोपीस बनी हैं। कई लाइट सिर्फ कागजों में ही जलती दिखती है। शहरियों ने सड़कों पर अंधेरा होने की कई बार शिकायत की लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज दिखावा हुआ। ऐसे में वाहन चालकों को अंधेरे के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है।
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद : शहर में सड़कों को रोशन करने के लिए 58,760 स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। इनमें से ज्यादातर अब शोपीस बनी हैं। कई लाइट सिर्फ कागजों में ही जलती दिखती है। शहरियों ने सड़कों पर अंधेरा होने की कई बार शिकायत की लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज दिखावा हुआ। ऐसे में वाहन चालकों को अंधेरे के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक प्रकाश निरीक्षक, 40 कर्मचारी: शहर की सड़कों को रोशन करने की जिम्मेदारी नगर निगम के प्रकाश विभाग की है। सड़कों पर प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए प्रत्येक जोन में एक-एक प्रकाश निरीक्षक और 40-40 कर्मचारी तैनात हैं। इसके बावजूद स्थिति बदतर है। बत्ती गुल, मीटर चालू: नगर निगम ने सड़कों को रोशन करने के लिए जो स्ट्रीट लाइट लगाई हैं, इसके एवज में विद्युत निगम को सालाना भुगतान भी करने का नियम है। भुगतान शहर में लगी स्ट्रीट लाइट की संख्या के हिसाब से होता है। वह साल में कितने दिन जलीं या कितने दिन बंद रही, इसका हिसाब नहीं रखा जाता। ऐसे में एक तरफ शहरियों को जहां स्ट्रीट लाइट न जलने से अंधेरे का सामना करना पड़ता है, तो दूसरी तरफ नगर निगम को आर्थिक हानि होती है। स्ट्रीट लाइट का बिल विद्युत निगम द्वारा नगर निगम क्षेत्र में लगाए गए ट्रांसफार्मर सहित अन्य उपकरण के किराए में शासन स्तर पर समायोजित किया जाता है। एक साल से नहीं जली स्ट्रीट लाइट: बुलंदशहर रोड से गाजियाबाद की सीमा में वाहन चालक लालकुआं से प्रवेश करते हैं। यहां पर पिछले एक साल से भी अधिक समय से अंधेरा कायम है। रोजाना यहां से गुजरने वाले हजारों वाहन चालकों को परेशानी होती है। जीटी रोड पर जगह-जगह कट हैं। ऐसे में रात के वक्त हादसे का खतरा भी बढ़ जाता है। कई पोल ऐसे हैं, जिन पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। न केवल जीटी रोड, बल्कि इससे सटी पंचवटी कालोनी, भाटिया मोड़ पुल, बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र, साउथ साइट जीटी रोड, गगन एन्क्लेव में भी शाम ढलते ही अंधेरा हो जाता है। ऐसे मे झपटमारी व लूट की वारदात का डर बना रहता है।
वर्जन.. सड़कों पर प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त रहे, इसके लिए प्रत्येक जोन में प्रकाश निरीक्षक व 40 कर्मचारी तैनात हैं। जहां स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायत मिलती है, वहां समस्या का समाधान कराया जाता है। कई जगह लाइट के ड्राइवर खराब हैं, जिन्हें जल्द ही बदला जाएगा।