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यूपी में 32 जमीन खरीदारों को बड़ा झटका, वापस योगी सरकार को मिलेगा मालिकाना हक

गाजियाबाद के मोहिउद्दीनपुर में अनुसूचित जाति के चार भाइयों को पट्टे पर मिली जमीन को बिना अनुमति बेचने का मामला सामने आया है। इस मामले में 32 जमीन खरीदारों को बड़ा झटका लगा है। अपर जिलाधिकारी सदर की कोर्ट ने अब बेची गई जमीन को राज्य सरकार में निहित करने का आदेश दिया है। बिना जिलाधिकारी की अनुमति के 32 लोगों को जमीन बेची गई थी।

By Abhishek Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 10 Nov 2024 09:40 AM (IST)
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फाइल फोटो।
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। महिउद्दीनपुर में अनुसूचित वर्ग के चार भाइयों को कब्जे के आधार पर पट्टे में मिली 2,982 वर्गमीटर जमीन को बिना जिला प्रशासन की अनुमति के 32 लोगों को बेच दिया गया। अपर जिलाधिकारी सदर की कोर्ट ने इस मामले में अब बेची गई जमीन को राज्य सरकार में निहित करने का आदेश जारी कर दिया है। इससे खरीदारों को झटका लगा है।

1993 में चार भाइयों को पट्टे में मिली थी जमीन

जमीन की कीमत 15 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। ज्यादातर खरीदारों ने जमीन पर मकान बना लिए हैं और वहां परिवार के साथ रह रहे हैं। महिउद्दीनपुर में रहने वाले अनुसूचित वर्ग के शीशराम के चार बेटों जगत सिंह, भगत सिंह, चरन सिंह और चमन सिंह को 13,780 वर्गमीटर जमीन पर कब्जे के आधार पर वर्ष 1993 में मेरठ मंडल की अपर आयुक्त ने असंक्रमणीय भूमिधर घोषित किया था।

आरोप है कि दस साल बाद पट्टे में मिली कुल जमीन में से 2,982 वर्गमीटर जमीन बिना जिला प्रशासन की अनुमति के बेच दी गई। यह उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 157- एए का उल्लंघन है। नियम के तहत दस साल बाद जमीन को असंक्रमणीय से संक्रमणीय कराया जा सकता है, जिससे कि जमीन को बेचने का अधिकार मिलता है।

जमीन बेचने से पहले लेनी होती है डीएम की अनुमति

अनुसूचित वर्ग के व्यक्ति को पट्टे में मिली जमीन को सिर्फ अनुसूचित वर्ग के लोगों को ही बेचने का अधिकार होता है। जमीन बेचने से पहले जिलाधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक होता है। इसकी लिखित शिकायत वर्ष 2017 में पूर्व प्रधान के बेटे मुंदराज ने जिलाधिकारी गाजियाबाद से की। जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच सदर तहसील के तहसीलदार को सौंपी और रिपोर्ट तलब की।

इस मामले में जांच में आरोप सही पाए गए और राजस्व निरीक्षक व लेखपाल ने रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज किया गया और सुनवाई के लिए इसे 15 नवंबर 2022 को अपर उप जिलाधिकारी सदर की कोर्ट में भेजा गया। इस केस में सुनवाई अब पूरी हो गई है। कोर्ट ने बिना जिला प्रशासन की अनुमति के बेची गई पट्टे की जमीन को राज्य सरकार में निहित करने का आदेश जारी कर दिया है।

बिना नियम का पालन किए बेची थी जमीन

ऐसे में अब यह जमीन वापस सरकार के पास आ जाएगी और बिना नियम का पालन किए जमीन खरीदने वाले खरीदारों के पास से जमीन का मालिकाना हक हट जाएगा, जल्द ही जिला प्रशासन की टीम जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंचेगी।

अपर उप जिलाधिकारी सदर चंद्रेश सिंह ने कहा कि अनुसूचित वर्ग के व्यक्ति से पट्टे में मिली जमीन की खरीद करने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जमीन संक्रमणीय है या नहीं। जमीन बेचने के लिए जिलाधिकारी से अनुमति ली गई है या नहीं, यदि अनुमति नहीं मिली है तो जमीन की खरीद न की जाए।

          विक्रेता - क्रेता -        जमीन वर्गमीटर में

  • भगत सिंह - कुसुम देवी - 41.80
  • भगत सिंह - मूलचंद - 50.16
  • भगत सिंह - शिवनंदन - 41.80
  • जगत सिंह - बबीता झा - 58.54
  • जगत सिंह - विनीता झा - 41.80
  • जगत सिंह - सीमा देवी - 83.61
  • जगत सिंह - अनीता मिरुके - 20.90
  • जगत सिंह - अनीता मिरूके - 20.90
  • चरन सिंह - कलावती शर्मा - 167.22
  • चरन सिंह - कलावती शर्मा - 167.22
  • चमन सिंह - संतोष झा - 83.61
  • चमन सिंह - अशर्फीलाल - 25.083
  • चमन सिंह - दर्शन - 41.805
  • चमन सिंह - राजू - 25.080
  • चमन सिंह - राम सजीवन - 83.61
  • चमन सिंह - सपना तिवारी - 62.70
  • चमन सिंह - धनदेवी यादव - 83.61
  • चमन सिंह - राजाराम - 25.803
  • चमन सिंह - मधुपाल - 54.34
  • चमन सिंह - रामभूली - 41.805
  • भगत सिंह - मेहताब सिंह - 50.16
  • भगत सिंह - संध्या सिंह - 41.805
  • भगत सिंह - पूनम - 20.90
  • भगत सिंह - सरल शर्मा - 94.01
  • चमन सिंह - निखिल - 167.22
  • भगत सिंह - सीमा - 83.61
  • चरन सिंह - गीता - 334.44
  • चमन सिंह - भगवत स्वरूप, सतपाल नागर - 418.00
  • चमन सिंह - विजयपाल सिंह - 250.80
  • चरन सिंह - अम्बो देवी - 41.805
  • चरन सिंह - धर्म सिंह - 91.96
  • चरन सिंह - शबनम - 83.61
  • चरन सिंह - द्रोपदी - 83.61
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