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रिटायर्ड FCI अफसर को डिजिटल अरेस्ट बता 60 लाख रुपये वसूले, साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर की बात

Ghaziabad Crime साइबर अपराधियों ने रिटायर्ड FCI अफसर निशाना बनाकर 60 लाख रुपये की ठगी की है। साइबर अपराधियों ने पीड़ित को फर्जी केस में फंसाने का झांसा देकर मोटी धनराशि वसूल ली। अपराधियों ने वसुंधरा निवासी पीड़ित को सात दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। अपराधियों ने वाट्सएप कॉल कर खुद को दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया था।

By vinit Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 20 Oct 2024 12:26 PM (IST)
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पीड़ित को सीबीआई के केस में फंसाने का झांसा दिया। फोटो- जागरण ग्राफिक्स

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। वसुंधरा निवासी बुजुर्ग से साइबर अपराधियों ने सीबीआई में मानव तस्करी का मुकदमा दर्ज होने का हवाला देकर 60 लाख रुपये वसूल लिए। पीड़ित को आरोपितों ने दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच का बताकर फोन किया था। उन्हें सात दिन तक डिजिटल अरेस्ट बताकर धनराशि विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कराई गई।

हाईकोर्ट के नाम से भेजा 50 लाख नोटिस

पीड़ित से और धनराशि वसूलने के लिए उन्हें 50 लाख रुपये का नोटिस हाईकोर्ट के नाम से भेजा। शक होने पर पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मामले की शिकायत की है। वसुंधरा सेक्टर-एक निवासी प्रीतम सिंह चौहान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से सेवानिवृत हैं। उनके पास 10 अक्टूबर को वाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले ने स्वयं का परिचय देते हुए बताया कि वह दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच से बोल रहा है।

"खाते में भेजा गया मानव तस्करी का पैसा"

परिचय देने के बाद कॉल करने वाले ने उन्हें वीडियो कॉल पर लिया और धमकाते हुए बताया कि एचडीएफसी बैंक में उनके नाम से खाता खोल गया है जिसमें ब्रांच मैनेजर ने 17 बच्चों की मानव तस्करी का 68 करोड़ रुपये की मनी लॉड्रिंग की 10 प्रतिशत धनराशि यानी 68 लाख रुपये उनके खाते में ट्रांसफर किए गए हैं।

10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर रखा डिजिटल अरेस्ट

पीडित को बताया कि उन्हें गिरफ्तारी से बचने के लिए त्वरित जांच का सामना करना होगा। इसके लिए उन्हें जमानत धनराशि देनी होगी जिससे उनके केस की जांच शीघ्र पूरी होकर वह बरी हो जाएं। पीड़ित को झांसे में लेकर आरोपितों ने 10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक डिजिटल अरेस्ट बताकर 60 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए।

उनके पास 16 अक्टूबर को हाईकोर्ट का फर्जी नोटिस भेजा गया जिसमें 50 लाख रुपये की डिमांड की गई है। परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस से मामले की गुहार लगाई। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साइबर क्राइम थाना पुलिस पीड़ित से मामले से जुड़ी जानकारी जुटा रही है।

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कलेक्शन एजेंट पर 23 लाख रुपये हड़पने का आरोप

कौशांबी थाना क्षेत्र के वैशाली में कलेक्शन एजेंट पर 23 लाख 30 हजार रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए शिकायत की है। पुलिस ने कंपनी के प्रबंधन की ओर से मिली शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच एजेंट से पूछताछ शुरू कर दी है।

दिल्ली की कैश मैनेजमेंट कंपनी के मानव संसाधन विभाग के सहायक प्रबंधक जयशंकर ने दर्ज एफआईआर में बताया कि कंपनी में तैनात रवि कुमार 16 अक्तूबर को वैशाली स्थित निजी अस्पताल में कैश कलेक्शन करने के लिए गया था।

'रवि तुम्हारा बैग खुला है'

यहां से 23 लाख 30 हजार रुपये लेकर करीब आधा किलोमीटर दूर यूपी गेट पर खड़ी कैश वैन पर पहुंचा। जहां वैन पर तैनात कर्मचारी ने बताया कि रवि तुम्हारा बैग खुला है। बैग में देखा तो रुपये नहीं थे। रवि ने मामले की सूचना कंपनी प्रबंधन को दी। जयशंकर ने रवि पर शक जाहिर करते हुए पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। अस्पताल से यूपी गेट तक के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई।

अस्पताल से ही रवि के बैग की चेन खुली थी। उस समय बैग में कैश का पैकेट दिख रहा था। सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। रवि से पूछताछ की जा रही है। वह पुराना कर्मचारी है। कोई आपराधिक मामला सामने नहीं आया है। प्राथमिक जांच में उसपर शक जताया गया है। जल्द ही पूरे मामले का राजफाश किया जाएगा।

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