दंग रह गए डॉक्टर, महिला की ब्रेस्ट से निकला 5 किलो वजन का...; ऑपरेशन करने वाली टीम को मिल रही शाबाशी
Ghaziabad News गाजियाबाद में एक महिला के ब्रेस्ट से 5 किलो वजन का ट्यूमर निकालकर डॉक्टर हैरान रह गए। जिला एमएमजी अस्पताल में सर्जन डॉ. मिलिंद गौतम ने ऑपरेशन कर महिला की जान बचाई। ऑपरेशन के बाद महिला की हालत ठीक है। उधर गुरुग्राम में भी एक 55 वर्षीय अफ्रीकी महिला के पेट से कैंसरयुक्त ट्यूमर निकाला गया जिसका वजन नौ किलोग्राम से अधिक है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। Ghaziabad News गाजियाबाद में विजयनगर के रहने वाले प्रदीप की 28 वर्षीय पत्नी रजनी पिछले कई महीने से ब्रेस्ट में दर्द से परेशान थी। जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में सर्जन डा. मिलिंद गौतम के पास पहुंच कर रजनी ने अपनी शिकायत बताई।
कार्यवाहक सीएमएस डा. संतराम वर्मा ने बताया कि सर्जन ने रजनी की ब्रेस्ट का एक्स-रे और सीटी स्कैन कराया। जांच में ब्रेस्ट में ट्यूमर (रसौली) का पता चला। ऑपरेशन से पहले रजनी की सेहत संबंधी सभी जांच कराई गईं। जांच रिपोर्ट ठीक आने पर बुधवार को रसौली निकालने के लिए ऑपरेशन किया गया। एक घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद सर्जन समेत पूरी टीम ने ब्रेस्ट से रसौली निकाल दी।
सर्जन के अनुसार ऑपरेशन से निकाली गई ब्रेस्ट ट्यूमर का वजन पांच किलो है। जान की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ब्रेस्ट का अधिकांश हिस्सा इस ऑपरेशन के माध्यम से निकाल दिया गया है। ऑपरेशन करने वाली टीम में एनेस्थेटिस्ट डा. चरन सिंह, डा. विवेक चौधरी, स्टाफ नर्स शीतल और नूर अफजा व वार्ड ब्वाय अमीचंद भी शामिल रहे। रसौली की बायोप्सी जांच को सैंपल भेजा गया है। ऑपरेशन के बाद रजनी की हालत ठीक है। परिजन इस ऑपरेशन से बेहद खुश हैं। इससे पहले एक, दो और तीन किलो की रसौली निकाले जाने के कई सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं।
महिला के पेट से निकला 9.1 किलोग्राम का कैंसरयुक्त ट्यूमर
गुरुग्राम में 55 वर्षीय अफ्रीकी महिला के पेट से नौ किलोग्राम से अधिक वजन का कैंसरयुक्त ट्यूमर निकला है। मामला फोर्टिस हॉस्पिटल का है। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों की ओर से जारी बयान में बताया गया कि टीम ने तीन घंटे की सर्जरी करके फुटबाल के आकार का ट्यूमर निकाला, जो कई महत्वपूर्ण अंगों को दबा रहा था। यह पूरी प्रक्रिया गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल आन्कोलाजी के निदेशक डा. अमित जावेद के नेतृत्व में पूरी हुई।उन्होंने बताया कि ट्यूमर के कारण पिछले छह से सात महीनों से मरीज के पेट में तेज दर्द हो रहा था। मरीज ने पहले अफ्रीका के कई अस्पतालों में इलाज करवाया था, लेकिन ट्यूमर के आकार व स्थान के कारण होने वाले उच्च जोखिम के कारण सर्जरी करने से मना कर दिया गया था।यह भी पढ़ें- राहुल गांधी के लेख पर नाराज राजघराने, सिंधिया ने कहा- भारत माता का अपमान बंद करें; दीया कुमारी बोलीं- समाज को बांटना उनकी आदत
गुरुग्राम पहुंचने पर सीटी एंजियोग्राफी और पीईटी स्कैन के माध्यम से व्यापक इमेजिंग से ट्यूमर की संवहनीयता और उसके गुर्दे और मूत्र पथ सहित महत्वपूर्ण अंगों के संपीड़न का पता चला। इसके विशाल आकार के कारण ट्यूमर की उत्पत्ति शुरू में अस्पष्ट थी। ट्यूमर के आकार (9.1 किग्रा) और इसकी उत्पत्ति के बारे में अनिश्चितता को देखते हुए सर्जरी असाधारण रूप से चुनौतीपूर्ण थी।यह भी पढ़ें- मैट्रिमोनियल कंपनी ने दुल्हन ढूंढ़ने की दी थी 100% गारंटी, वादा पूरा नहीं किया तो लगा 60 हजार का जुर्माना; क्या है पूरा मामला?
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