Ghaziabad: पांच साल की बच्ची से डिजिटल दुष्कर्म करने वाला गिरफ्तार, पड़ोसी ने ही दिया था वारदात को अंजाम
Ghaziabad Digital Molestation इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में शनिवार रात घर में नाबालिग भाई-बहन के साथ मौजूद पांच वर्षीय बच्ची के साथ डिजिटल दुष्कर्म करने वाला पड़ोसी युवक सोमवार को गिरफ्तार हो गया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
By AgencyEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 31 Oct 2022 03:58 PM (IST)
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में शनिवार रात घर में नाबालिग भाई-बहन के साथ मौजूद पांच वर्षीय बच्ची के साथ डिजिटल दुष्कर्म करने वाला पड़ोसी युवक सोमवार को गिरफ्तार हो गया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित को छिजारसी कट के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। वह अपने गृह जनपद कन्नौज भागने की फिराक में था।
बच्चों के साथ रहती है मां
बता दें कि इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में एक महिला 14 और पांच साल की बेटी और नौ साल के बेटे के साथ रहती है। उसके पति की मौत हो गई है। वह एक निजी अस्पताल में नर्सिंग का काम करती है। शनिवार रात में वह ड्यूटी पर गई। रविवार सुबह वापस आई तो बच्चे उससे लिपट कर रोने लगे। उसने बच्चों को ढांढ़स बंधाया।रात में किया डिजिटल दुष्कर्म
बड़ी बेटी ने बताया कि पड़ोसी युवक ने बहन के साथ रात में डिजिटल दुष्कर्म किया है। यह सुनकर उसके होश उड़ गए। वह पड़ोसी के कमरे पर गई तो पता चला कि वह रात से फरार है। उसने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को चिकित्सीय परीक्षण के लिए भेजा। मामले की छानबीन शुरू की।ये भी पढ़ें- Ghaziabad News: गंग नहर में डूब रहे बंदर का हनुमान जी बने सहारा, ऐसे बची जान; लोगों ने बताया चमत्कार
डिजिटल दुष्कर्म का मतलब कानून के जानकारों के मुताबिक, डिजिटल दुष्कर्म का मतलब यह नहीं है कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए। यह शब्द डिजिट और दुष्कर्म से बना है। डिजिट का मतलब यहां अंगुली, अंगूठा और पैर की अंगुली से है। डिजिट का एक मतलब अंक भी होता है, लेकिन यहां इसका आशय अंगुली से है। जो यौन उत्पीड़न डिजिट से किया जाता है, ही डिजिटल दुष्कर्म कहा जाता है। बीते नौ माह में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मासूम और किशोरी संग डिजिटल दुष्कर्म होने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
डिजिटल दुष्कर्म में सजा डिजिटल दुष्कर्म के ज्यादतर मामले में आरोपित पीड़िता का करीबी होता है। कानून के अनुसार, डिजिटल अपराध में अपराधी को पांच साल जेल की सजा हो सकती है। कुछ मामलों में, यह सजा 10 साल या आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है।
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