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केंद्र के बाद अब यूपी सरकार ने भी इन 23 खूंखार कु्त्तों के पालने पर लगाई रोक, जानें क्या है नया नियम

यूपी के कई पशु कल्याण संगठनों की ओर से खूंखार नस्ल के कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इन्हें पालतू जानवर के रूप में रखने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी जिसे सही मानते हुए केंद्र सरकार ने इसी माह सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आदेश जारी कर प्रभावी करने के निर्देश दिए थे। अब यूपी सरकार भी इसे अमल में लाई है।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Wed, 27 Mar 2024 04:15 PM (IST)
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केंद्र के बाद अब यूपी सरकार ने भी इन 23 खूंखार कु्त्तों के पालने पर लगाई रोक।
जागरण संवादादता, गाजियाबाद। केंद्र सरकार के फैसले के बाद अब यूपी सरकार ने भी सभी स्थानीय निकायों और जिला प्रशासनों को निर्देश जारी किया है कि वह कुत्तों के उन 23 नस्लों के आयात, प्रजन और खरीद-बिक्री पर रोक लगाए जिन्हें खूंखार घोषित किया गया है। बैन किए गए कुत्तों के नस्ल में पिट बुल, रॉटविलर और डोगो अर्जेंटिनो शामिल है। इन तीनों पर गाजियाबाद नगर निगम ने पहले ही बैन लगा दिया था। 

खूंखार नस्लों के कुत्तों के प्रजनन, पालने और बिक्री पर रोक लगाने के लिए सरकार की ओर से डॉ. राजेंद्र सिंह निदेशक प्रशासन एवं पशुपालन विभाग ने 19 मार्च को पत्र के माध्यम से आदेश जारी किया। इसमें तत्काल प्रभाव से इसका पालन करने के लिए निर्देशित किया है।

कई लोगों और पशु कल्याण संगठनों की ओर से खूंखार नस्ल के कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इन्हें पालतू जानवर के रूप में रखने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, जिसे सही मानते हुए केंद्र सरकार ने इसी माह सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आदेश जारी कर प्रभावी करने के निर्देश दिए थे। 

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खूंखार की श्रेणी में ये कुत्ते शामिल

खूंखार नस्ल के मिश्रित एवं क्रॉसब्रीड कुत्तों में रोटविलर, पिटबुल टेरियर, वुल्फ, टोसा ईनू, अमेरिकन स्टेफोर्ड, फिला ब्रासी लीरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडाग, बोरवेल, कांगल, मध्य एशियाई शेफर्ड (ओवचार्का), कोकेशियान शेफर्ड (ओवचार्का ), दक्षिण रुसी शेफर्ड (ओवचार्का ), टार्न जैक, सरप्लानिनेक, जापानी टोसा और अकिता, मस्टिफ (बोरबुल्स), टेरियर्स, रोडेशियन, रीजबैक, कैनारियों, अकबाश कुत्ता, मास्को गार्ड, कैन कोरो आदि नस्ल के कुत्ते रोक वाली सूची में शामिल हैं।

नहीं करा सकेंगे प्रजनन 

सरकार की ओर से खतरनाक नस्लों के कुत्तों के पालने, खरीद-बिक्री के साथ ही उनके प्रजनन पर भी पूरी तरह रोक लगाई गई है। कुत्ता प्रजनन कराने वाले अगर लाइसेंसी हैं और रोक के बावजूद वह इन नस्ल के कुत्तों की ब्रीडिंग कराते हैं तो उनका लाइसेंस निरस्त कर धंधे को बंद कराया जाएगा। भविष्य में उन्हें खरीद-बिक्री और ब्रीडिंग का लाइसेंस नहीं मिलेगा। 

पशु अधिकार कार्यकर्ता की प्रतिक्रिया

पशु अधिकार कार्यकर्ता चेतना जोशी ने प्रतिबंध लगाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। जोशी ने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय पहले ही दक्षिणी राज्य में प्रतिबंध पर रोक लगा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध अस्पष्ट है। अब इन नस्लों के मौजूदा कुत्तों का क्या होगा। जोशी ने कहा कि प्रतिबंध लागू करने से पहले इसके बारे में जागरूकता की जरूरत है। अगर इसे लागू करना है, तो इसे कई चरणों में करना चाहिए। इन नस्लों की आपूर्ति और मांग की जांच करने की आवश्यकता होगी।

डॉग कारोबारी ने जताया चिंता

दिल्ली-एनसीआर में डॉग विक्रेताओं ने प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर चिंता व्यक्त की। इस नियम के आने के बाद हमें प्रतिबंधित पिल्लों को छोड़ना पड़ सकता है। अगर इसे लागू किया जाता है तो इसका बड़ा असर पड़ेगा। प्रतिबंध से इसकी मांग घटेगी और जो व्यापारियों के पास जो पिल्ले हैं, उन्हें छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।

सभी पक्षों से परामर्श के बाद 23 नस्लों पर प्रतिबंध

यूपी पशु पक्षी नियंत्रण निगरानी समिति की सदस्य गौरी मौलेखी ने प्रतिबंध की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि जो भी इंसानों के लिए खतरनाक है, उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और कुत्तों के हमलों के पिछले उदाहरणों में लोगों की जान चली गई है। प्रतिबंध एक त्वरित प्रतिक्रिया नहीं है। इस मुद्दे पर 2016 से विचार-विमर्श किया जा रहा है और केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही थी। सभी पक्षों से परामर्श के बाद 23 नस्लों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई। 

खूंखार नस्ल के कुत्ते मानव जीवन के लिए खतरा हैं। ऐसे मामले आए हैं, जिनमें इन नस्लों के कुत्तों ने लोगों पर हमला कर या तो बुरी जख्मी किया या हमले में घायलों की मौत तक हो गई। ऐसे कुत्ते मालिक के बस से भी बाहर हो जाते हैं। इन कुत्तों के सार्वजनिक स्थल पर लाने की पाबंदी है। नियम का उल्लंघन करने वालों पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। - डॉ. एसपी पांडेय, जिला मुख्य चिकित्साधिकारी

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