Ghaziabad: मृतक अमन के स्वजनों को मिलेगा 17 लाख रुपये का मुआवजा, रैपिडएक्स ट्रैक निर्माण के दौरान गई थी जान
पक्षकार राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि मूल रूप से जिला एटा के रहने वाले अमन रैपिडएक्स ट्रैक का निर्माण कार्य करने वाली केईसी कंपनी में बतौर हैल्पर कार्य करता था। निर्माण कार्य के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूटने पर नीचे गिरने से अमन की मौत हो गई थी। इसमें उन्होंने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली में जनहित याचिका दायर की।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। रैपिडएक्स ट्रैक निर्माण कार्य के दौरान श्रमिक की मौत के मामले में मानव अधिकार के पक्षकार राजीव कुमार शर्मा द्वारा राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में दाखिल याचिका पर मृतक अमन के स्वजनों को 17 लाख 10 हजार रुपये मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।
पक्षकार राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि मूल रूप से जिला एटा के रहने वाले अमन रैपिडएक्स ट्रैक का निर्माण कार्य करने वाली केईसी कंपनी में बतौर हैल्पर कार्य करता था।
निर्माण कार्य के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूटने पर नीचे गिरने से अमन की मौत हो गई थी। इसमें उन्होंने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली में जनहित याचिका दायर की।
मामले में मौत के जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराते हुए मुआवजे की मांग की। आयोग ने डीएम और एसएसपी गाजियाबाद से अमन की मौत के मामले में जवाब तलब किया। एसएसपी की रिपोर्ट पर थाना सिहानी गेट में मुकदमा दर्ज किया गया।
कौन देगा मुआवजा?
वहीं, डीएम ने आयोग को रिपोर्ट भेजते हुए बताया कि मामले में मुआवजा रेलवे बोर्ड द्वारा दिया जाएगा। आयोग ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को नोटिस जारी करते हुए घटना के संबंध में जवाब तलब किया। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि रैपिडएक्स ट्रैक का निर्माण आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
आयोज ने नौ जून को आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी किया। मौत के मामले में मृतक के भाई को अंतरिम राहत के तौर पर 50 हजार और मृतक अमन के वेतन के रूप में 17 हजार 375 रुपये के वेतन भुगतान भी किया जा चुका।
निर्माण कार्य करने वाली कंपनी द्वारा कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत स्वजनों को मुआवजे के रूप में 16 लाख 60 हजार 275 रुपये की धनराशि उप श्रमायुक्त कार्यालय में जमा कराई जा चुकी। आयोग ने उप श्रमायुक्त को मुआवजे के तौर पर भुगतान किए गए रुपये की अदायगी करने को कहा है।