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Heat Wave Alert: गर्मी में बरतें सावधानी, खाली पेट न रहें और धूप में निकलने से बचें

मई माह से लेकर अब तक भीषण गर्मी पड़ रही है। गर्मी बढ़ने के साथ हीट वेवडायरिया उल्टी-दस्त बुखार और पेट दर्द के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इनमे बच्चे महिला और बुजुर्गों को अधिक परेशानी हो रही है। पिछले 37 दिनों में तापमान 44 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा है। ऐसे में हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए सावधानी जरूरी है।

By Shahnawaz Ali Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 17 Jun 2024 09:57 AM (IST)
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दिल्ली-एनसीआर में भीषण गर्मी पड़ रही है।

जागरण संवाददाता, मदन पांचाल। मई माह से लेकर अब तक भीषण गर्मी पड़ रही है। गर्मी बढ़ने के साथ हीट वेव,डायरिया, उल्टी-दस्त, बुखार और पेट दर्द के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इनमे बच्चे, महिला और बुजुर्गों को अधिक परेशानी हो रही है। पिछले 37 दिनों में तापमान 44 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा है।

इस अवधि में गर्मी सेउल्टी-दस्त और बेहोश होने के बाद 15 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं। ऐसे में हीट स्ट्रोक से बचाव को सावधानी और सतर्कता बरतने के साथ जीवन शैली में बदलाव करने के साथ बेहतर खानपान जरूरी है। इसी को लेकर दैनिक जागरण के मदन पांचाल ने संयुक्त अस्पताल में कार्यरत ईएमओ डॉ. गौरव पाराशर से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के कुछ अंश :

सवाल : हीट वेव क्या है और इससे बचाव के क्या-क्या उपाय हैं?

जवाब: हीट वेव आमतौर पर आर्द्र मौसम की अवधि है। इसके लिए अधिक से अधिक पानी पियें। यदि प्यास नहीं भी हो तब भी थोड़ा थोड़ा पानी पीते रहें। खीरा, तरबूज़, खरबूज इत्यादि, ओआरएस, नींबू पानी पीएं।

हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले ढीले वस्त्र पहनें। धूप के चश्मा, छाता, सिर पर कपड़े का प्रयोग करें। प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोछें तथा चिकित्सक से संपर्क। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ ले जायें।

सवाल : डायरिया के लक्षण क्या हैं और इसका बचाव क्या है ?

जवाब: डायरिया के लक्षण जैसे की उल्टी, दस्त,पेट दर्द। उल्टी व दस्त अधिक होने पर शरीर में पानी की कमी हो सकती है जिसका प्रभाव शरीर के सभी अंगों पर पड़ सकता है।

रक्तचाप भी कम हो सकता है और किडनी पर भी असर पड़ सकता है। इसके लिए मरीज को पानी और ओआरएस जरूर दें और हल्का और सुपाच्य खाना दें। हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराएं।

सवाल : गर्मी से किन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए ?

जवाब : भीषण गर्मी और हीट वेव से सर्वाधिक वृद्ध, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। बुजुर्गों को घर में रहना चाहिए। पानी बार बार पीना चाहिए। बच्चों को पूरा शरीर ढ़कने वाले सूती कपड़े पहनाकर रखें। मां का दूध जरूर पिलायें।

गर्भवती महिलाओं को धूप से बचकर रहना जरूरी है। पेय पदार्थ अधिक लेने चाहिए। चिकित्सक से फोन पर राय लेते रहें। नियमित जांच कराते रहें। जिम जाने वाले युवक भी सावधानी बरतें। जांच के बाद ही जिम जायें। अधिक कसरत से बचें।

सवाल : गर्मी से बचाव के लिए खानपान कैसा होना चाहिए ?

जवाब:खाने पीने में ऐसे ताजा फलों और सब्जियों का सेवन करें जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है जैसे कि तरबूज़,खरबूज, खीरा इत्यादि। पानी व नींबू पानी अधिक से अधिक पिएं। ओआरएस जरूर लें। ताजा बना हुआ खाना ही खाएं।

गर्मियों में ज्यादा देर बाहर रखा हुआ खाना खराब हो सकता है जिसका सेवन करने से उल्टी दस्त हो सकते हैं। खिचड़ी, छाछ, दही, कोल्ड ड्रिंक का सेवन कर सकते हैं। बाहर का खाना कतई न खायें। सुबह को अंकुरित के साथ फल ले सकते हैं। दोपहर को दाल,रोटी, सब्जी,रायता और सलाद लें। रात का खाना हल्का होना चाहिए। रात को भरपूर नींद लेनी चाहिए।

सवाल: 44 से 47 डिग्री सेल्सियस तापमान का शरीर पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ता है ?

जवाब: पारा 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक हो तो सिरदर्द, उल्टी और शरीर में पानी की कमी जैसी शिकायतें होती हैं। अगर पारा 45 डिग्री सेल्सियस हो तो बेहोशी, चक्कर या घबराहट जैसी शिकायतों के चलते ब्लड प्रेशर का कम होना आम बात हैं।

अगर आप 48 से 50 डिग्री या उससे ज़्यादा तापमान में ज्यादा देर रहते हैं तो मांसपेशियां पूरी तरह जवाब दे सकती हैं और मौत भी हो सकती है। पानी और नमक की कमी होती है।

40 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान के चलते अगर शरीर में पानी की कमी होती है तो वह देर तक बनी रहती है तो इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं। जैसे हीट स्ट्रोक, हार्ट स्ट्रोक या ब्रेन हैमरेज तक। खाली पेट न रहें, खानपान में सावधानी बरतें और सुबह 10 से शाम चार बजे तक धूप में न निकलें।

गर्मी के कारण होने वाले रोगों के लक्षण एवं बचाव

यदि कुछ देर काम करने पर थकावट होती है और पसीने अधिक आते हैं तो समझ लो कि हीट वेव की चपेट में आने वाले हैं। बचाव के लिए आम का पन्ना, बेल का शरबत, नीबू पानी, दही और नारियल पानी का सेवन करें।

लू से बचाव के लिए खान-पान, रहन-सहन, व्यायाम, दिनचर्या और वस्त्रादि पहनने में सावधानी बरतें। बाहर के खाने से बचें। सुबह को जल्दी उठने और रात को जल्दी सोने की आदत डाल लें।

स्वास्थ्य संबंधी किसी भी परेशानी के लिए डिप्टी सीएमओ डा. राकेश कुमार गुप्ता 8090002018 और सीएमओ डॉ.भवतोष शंखधर के मोबाइल 8077305574 पर कॉल करें।

जिला एमएमजी, संयुक्त अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, सीएचसी लोनी, डासना, भोजपुर, बम्हैटा, मोदीनगर, मुरादनगर के अलावा 97 उप स्वास्थ्य केंद्र और 54 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर निश्शुल्क इलाज करा सकते हैं। एंबुलेंस के लिए 102 और 108 पर सहायता ले सकते हैं।

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