गाजियाबाद नगर निगम की 15 फीसद टैक्स बढ़ाने की प्लानिंग का विरोध कर रहे व्यापारी, पार्षद और आमजन
नगर निगम द्वारा 15 फीसद संपत्ति कर बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में सबसे ज्यादा भार कमर्शियल करदाताओं पर पड़ेगा। लाकडाउन के कारण पिछले साल भी व्यापार पर असर पड़ा था और इस साल भी बीत एक माह से ज्यादातर दुकानें और प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Thu, 27 May 2021 02:33 PM (IST)
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। नगर निगम द्वारा 15 फीसद संपत्ति कर बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में सबसे ज्यादा भार कमर्शियल करदाताओं पर पड़ेगा। लाकडाउन के कारण पिछले साल भी व्यापार पर असर पड़ा था और इस साल भी बीत एक माह से ज्यादातर दुकानें और प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं। यही वजह है कि एक साथ 15 फीसद संपत्ति कर बढ़ाने का विरोध हो रहा है। पार्षदों के साथ ही व्यापारी भी हाउस टैक्स न बढ़ाने की मांग नगर निगम के अधिकारियों से की है।
कुल करदाता - 3.64 लाखकमर्शियल भवन - 26,220
कमर्शियल भवनों पर लगने वाला संपत्ति कर- 5 हजार से 15 लाख सालाना
मोहन नगर जोन कुल भवन - 76,832
आवासीय भवन - 70,417 गैर आवासीय भवन - 6,415
कविनगर जोन कुल भवन- 50,025 भवन आवासीय भवन - 47140 गैर आवासीय भवन - 2885
विजयनगर जोन कुल भवन- 47,499 भवन
आवासीय भवन- 44,179 गैर आवासीय भवन - 3, 320
सिटी जोन कुल भवन- 68,929 आवासीय भवन - 61,799 गैर आवासीय भवन - 7,130
वसुंधरा जोन कुल भवन - 1,21,409 आवासीय भवन - 1,14, 939 गैर आवासीय भवन - 6,470
एक जून से जारी होंगे बिलएक जून से हाउस टैक्स के बिल पांचों जोन से जारी होने लगेंगे। करीब ढाई लाख करदाता ऐसे हैं जिनका हाउस टैक्स ढाई हजार से तीन हजार रुपये आता है। एक साथ 15 फीसद हाउस टैक्स बढ़ने से करदाताओं को भी परेशानी होगी।
इसलिए बढ़ा रहे हाउस टैक्स: मुख्य कर निर्धारण अधिकारी संजीव सिन्हा का कहना है कि 2018 से संपत्ति कर नहीं बढ़ाया गया है। सदन में पूर्व में प्रस्ताव पास हुआ था, जिसमें दो साल पर 10 फीसद हाउस टैक्स बढ़ाया जाना तय हुआ है। इस वजह से इस बार एक साथ 15 फीसद हाउस टैक्स बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
परिचर्चा नगर निगम के 15 फीसदी गृहकर बढ़ाने के फैसले का पार्षद विरोध कर रहे हैं। इस समय टैक्स नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। कई लोगों के रोजगार चले गए हैं, व्यापार ठप हैं। इस समय नगर निगम को लोगों की मदद के लिए खड़े होना चाहिए।
- मनेाज चौधरी, पार्षद
लोगों के पास पैसा है नहीं, व्यापार बंद हैं। हाउस टैक्स बढ़ाने का इस समय निर्णय लेना व्यापारियों के साथ ही जनता पर दोहरी मार है। ऐसा नहीं होना चाहिए। - प्रदीप गुप्ता, संयोजक, व्यापारी एकता समिति
15 फीसद हाउस टैक्स बढ़ाने का निर्णय बहुत खराब है। व्यापारियों के पास काम नही है, लाकडाउन खुलने के बाद - विकास अग्रवाल, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल साहिबाबाद विधानसभा।
महापौर का वर्जनसदन के निर्णय के आधार पर ही 15 फीसदी हाउस टैक्स बढ़ाया जा रहा है। करदाता समय पर बिल जमा कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। - आशा शर्मा, महापौर
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