Ghaziabad By-Election: 20 साल बाद होंगे उपचुनाव, BJP के लिए जीत की हैट-ट्रिक लगाना चुनौती
2004 के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से विधायक सुरेंद्र गोयल गाजियाबाद - हापुड़ लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे ऐसे में उन्होंने विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दिया था। 2004 में ही गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ तो उसमें सपा प्रत्याशी सुरेंद्र मुन्नी ने कांग्रेस प्रत्याशी सतीश त्यागी और भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल को हराकर जीत हासिल की थी।
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए अतुल गर्ग ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित होने के बाद विधानसभा सदस्य से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय है।
इससे पहले इस सीट पर 20 साल पहले वर्ष 2004 में उपचुनाव हुआ था। उस वक्त भी गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से विधायक को सांसद बनने का अवसर प्राप्त हुआ था, ऐसे में इस सीट पर स्थिति 20 साल पहले जैसी है। 2017 से लगातार दो विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल करने वाली भाजपा के लिए उपचुनाव में जीत की हैट- ट्रिक लगाने की चुनौती है तो दूसरी तरफ विपक्षी दल भाजपा को जीत की हैट- ट्रिक लगाने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे, जिससे उपचुनाव में लड़ाई रोमांचक होगी।
2004 में पहली बार सपा ने सभी को हराया था
2004 के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से विधायक सुरेंद्र गोयल गाजियाबाद - हापुड़ लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे, ऐसे में उन्होंने विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दिया था। 2004 में ही गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ तो उसमें सपा प्रत्याशी सुरेंद्र मुन्नी ने कांग्रेस प्रत्याशी सतीश त्यागी और भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल को हराकर जीत हासिल की थी, यह पहला मौका था जब सपा को गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से जीत हासिल हुई।
इससे पहले न ही इसके बाद सपा को अब तक इस सीट पर जीत हासिल हुई है, ऐसे में सपा इस सीट पर 2004 की तरह ही जीत हासिल करने के लिए मैदान में अपना प्रत्याशी उतार सकती है तो दूसरी तरफ 2012 में इस सीट पर जीत हासिल करने वाली बसपा भी दोबारा इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए पूरा प्रयास करेगी।
दो साल में घटा भाजपा प्रत्याशी की जीत का अंतर
गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अतुल गर्ग ने 1,05,537 मतों से जीत हासिल की थी, लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अतुल गर्ग को गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से 63,256 वोट से जीत हासिल हुई है। इससे स्पष्ट है कि दो साल के अंदर ही गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर भाजपा का जीत का अंतर घटा है और आने वाले उपचुनाव में यहां पर भाजपा के लिए जीत हासिल करना आसान नहीं होगा।
जीत के लिए राजनीतिक दल चलते हैं सियासी चाल
गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर वैश्य, अनुसूचित जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इसलिए यहां पर राजनीतिक दल सियासी चाल चलते हैं। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा ने यहां पर पिछले चुनाव में ब्राह्मण प्रत्याशी को उतारा, जिससे कि सामान्य वर्ग के वोट में सेंध लगाकर वह जीत हासिल कर सके।
सपा ने भी सामान्य सीट पर अनुसूचित वर्ग के प्रत्याशी को चुनाव के मैदान में उतारा, जिससे कि अनुसूचित वर्ग के मतदाताओं के वोट प्राप्त कर जीत हासिल की जा सके, दोनों ही दल अपनी चाल में सफल नहीं हो पाए थे, लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। सपा इस लोकसभा चुनाव में मजबूती से आगे बढ़ी है और प्रदेश में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी बनी है, ऐसे में भाजपा के लिए उपचुनाव में जीत हासिल करने की चुनौती कठिन होने वाली है।
2022 में गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट
- कुल पड़े वोट - 2,44,908
- विजेता भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग को मिले मत - 1,50,205
- उपविजेता सपा प्रत्याशी विशाल वर्मा को मिले मत - 44,668
2024 के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट
- कुल पड़े वोट - 2,27,660
- विजेता भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग को मिले वोट - 1,37,206
- उपविजेता कांग्रेस प्रत्याशी डाली शर्मा को मिले वोट - 73,950
2004 में उपचुनाव में यह रहा था परिणाम
प्रत्याशी | दल | मिले मत |
सुरेंद्र कुमार मुन्नी | सपा | 64,173 |
सतीश त्यागी | कांग्रेस | 52,715 |
सुनीता दयाल | भाजपा | 44,324 |
मुनीश शर्मा | बसपा | 42,162 |