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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कार चालक के सीने में अचानक उठा दर्द, ट्रैफिककर्मी ने पहुंचाया अस्पताल

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर आइएमएस डासना के पास बने टोल प्लाजा पर शुक्रवार रात कार चालक की तबीयत खराब होने पर यातायातकर्मियों ने कार से उसे अस्पताल पहुंचाया। समय रहते अस्पताल पहुंचाने से कार चालक की जान बच गई। चालक को को हार्ट अटैक नहीं था एंजाइटी की वजह से तबीयत खराब हो गई थी। वह काम से हरिद्वार जा रहे थे। इसी दौरान तबीयत बिगड़ गई।

By vinit Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 11 Aug 2024 09:41 AM (IST)
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समय से अस्पताल पहुंचने से बची कार चालक पवन की जान। फोटो- जागरण
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर शुक्रवार रात दो यातायातकर्मियों ने सुझबूझ का परिचय देते हुए एक कार चालक को समय से अस्पताल पहुंचा दिया। आइएमएस डासना के पास कार चालक के सीने में अचानक दर्द उठा। पास में ही ड्यूटी पर तैनात हेड कांस्टेबल विक्रम गिरी को चालक ने अपनी परेशानी बताई।

विक्रम गिरी ने पीड़ित को दूसरी सीट पर बैठाकर स्टेयरिंग संभाला और उन्हें लेकर मणिपाल अस्पताल पहुंच गए। समय से अस्पताल ले जाने की वजह से फरीदाबाद निवासी 35 वर्षीय कार चालक पवन की जान बच गयी। हेड कांस्टेबल विक्रम के मुताबिक शुक्रवार रात करीब नौ बजे डीएमई टोल वन पर सिपाही अंकुश शर्मा के साथ ड्यूटी पर थे।

पसीने में नहाया हुआ था कार चालक

इसी बीच एक कार उनसे थोड़ा आगे जाकर रुक गई और उसका तेजी से लगातार हॉर्न बजने लगा। उन्होंने जाकर देखा तो कार चालक पसीने में नहाया हुआ था। उनसे मदद के लिए चालक की आवाज लगाने की हिम्मत नहीं हुई तो उसने अपना सिर स्टेयरिंग पर रखकर हार्न बजा दिया।

चालक ने जताया हार्ट अटैक का अंदेशा

जब वह कार तक पहुंचे तो चालक ने हार्ट अटैक का अंदेशा जताते हुए मदद मांगी। विक्रम ने एंबुलेंस बुलाने की बजाय खुद ही तत्काल कार चालक को अस्पताल पहुंचाने का निर्णय लिया और अपने साथी अंकुश की मदद से कार चालक को बगल की सीट पर बैठा दिया।

इसके बार खुद कार चलाकर करीब सात-आठ मिनट में मणिपाल अस्पताल पहुंचा दिया। विक्रम का कहना है कि यदि वह एंबुलेंस को फोन कर बुलाते तो समय लगता जिससे कार चालक की जान का जोखिम बढ़ सकता था। अस्पताल पहुंचाने के बाद उन्होंने पवन के स्वजन को पूरे मामले की जानकारी दी। करीब एक घंटे में पवन के स्वजन भी अस्पताल पहुंच गए।

पवन के स्वास्थ्य में सुधार

फरीदाबाद के सेक्टर-46 निवासी पवन की बहन सारिका का कहना है कि उनके भाई की तबीयत में अब सुधार है। शुक्रवार देर रात वह अस्पताल से भाई की छुट्टी कराकर फरीदाबाद लेकर आ गए।

पवन शुक्रवार रात अपने काम से हरिद्वार जा रहे थे। उनका कंस्ट्रक्शन का काम है। रात अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि समय रहते अस्पताल आने से ज्यादा परेशानी नहीं हुई है। पवन को हार्ट अटैक नहीं था, एंजाइटी की वजह से तबीयत खराब हो गई थी।

दोनों यातायातकर्मियों ने ड्यूटी पर रहने के दौरान अच्छा काम किया है। दोनों को इनाम के लिए अनुशंसा की गई है।  -पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी ट्रैफिक

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