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Ghaziabad Court Dispute: अधिवक्ता नाहर सिंह और बेटे सहित 50 पर केस, लाठीचार्ज के विरोध में हड़ताल पर गए वकील

गाजियाबाद की जिला जज की कोर्ट में मंगलवार को एक मामले में आरोपितों की जमानत पर बहस को लेकर जिला जज और अधिवक्ताओं में नोकझोंक हो गई। विवाद बढ़ता देख जिला जज अपने कक्ष में चले गए और वकील कोर्ट में जमे रहे। मौके पर पहुंची पुलिस ने वकीलों को समझाने का प्रयास किया। नहीं मानने पर पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए वकीलों को दौड़ा दिया।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 30 Oct 2024 09:37 AM (IST)
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गाजियाबाद कोर्ट परिसर के बाहर तैनात पुलिसबल। फोटो- जागरण
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिला जज की अदालत में हुए विवाद को लेकर पुलिस ने जहां अधिवक्ता नाहर सिंह और उनके बेटे सहित करीब 50 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। वहीं अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज किए जाने और अर्मादित भाषा का प्रयोग किए जाने को लेकर अधिवक्ता हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने लाठीचार्ज के दोषी पुलिसकर्मियों और जिला जज के तबादले की मांग उठाई है।

लाठीचार्ज से नाराज वकीलों ने बार सभागार में बैठक कर कहा कि जिला जज ने अधिवक्ताओं के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है। पुलिस फोर्स बुलाकर अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कराया। इसमें कई अधिवक्ता घायल हुए हैं।

पुलिस अधिकारियों के तबादले की मांग

बार एसोसिएशन गाजियाबाद के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि बार एसोसिएशन जिला जज का तत्काल प्रभाव से तबादला और घायल अधिवक्ताओं को दो-दो लाख रुपये की सहायता की मांग करती है। अधिवक्ताओं ने लाठीचार्ज में शामिल पुलिस अधिकारियों के तबादले की भी मांग की है।

50 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज 

तबादला होने तक अधिवक्ता कचहरी में हड़ताल पर रहेंगे। इधर पूरे मामले में कविनगर थाने में दो मुकदमे दर्ज किए हैं। कोर्ट नाजिर संजीव गुप्ता की शिकायत पर कविनगर थाने में अधिवक्ता नाहर सिंह यादव, उनके पुत्र अभिषेक यादव, अधिवक्ता दिनेश यादव समेत करीब 40-50 अज्ञात लोगों पर तीन न्यायालय कक्ष की खिड़कियों के शीशे तोड़ने, सीसीटीवी कैमरे तोड़ने और डीवीआर तोड़ने समेत कचहरी पुलिस चौकी में आग लगाने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

इसी मामले में एक और मुकदमा कचहरी पुलिस चौकी प्रभारी दारोगा संजय सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया है। चौकी प्रभारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उन्हें मंगलवार सुबह सूचना मिली थी कि जिला सत्र न्यायालय में करीब 50 वकील किसी मामले की सुनवाई को लेकर हंगामा कर रहे हैं और हमलावर हो रहे हैं।

कोर्ट में फेंकीं गई कुर्सियां

कुर्सियां फेंक रहे हैं और न्यायिक कार्य में बाधा पहुंचा रहे हैं। उन्होंने पुलिस फोर्स बुलाकर हंगामा कर रहे वकीलों को तितर-बितर कर बाहर निकाला। हंगामा कर रहे वकील एकत्र होकर नीचे आए और पुलिस फोर्स पर पथराव कर दिया।

पथराव में दारोगा के सिर में चोट आई है। वकीलों ने कचहरी पुलिस चौकी के फर्नीचर में आग लगा दी। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल और पीएसी की चार कंपनी बुलाकर हंगामा कर रहे वकीलों को खदेड़ा।

बार काउंसिलने पांच सदस्यीय समिति बनाई

उप्र बार काउंसिल ने मंगलवार को घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई है वकहा है कि दोषी पुलिस व न्यायिक अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे। कौंसिल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ की ओर से जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाया है कि हाई कोर्ट या उप्र बार काउंसिल के संज्ञान बिना ही पुलिस व आरएएफ बुलाकर लाठीचार्ज करा दिया गया।

जांच समिति में पूर्व में अध्यक्ष रह चुके व वर्तमान में सदस्य रोहिताश्व कुमार अग्रवाल, मधुसूदन त्रिपाठी, अरुण कुमार त्रिपाठी, अजय यादव व प्रशांत सिंह अटल शामिल हैं। समिति से यथाशीघ्र आख्या बार कौंसिल को देने की अपेक्षा की गई है। इस प्रकरण पर बार कौंसिल ने बुधवार सायं चार बजे आपात बैठक भी आहूत की है।

कांग्रेस ने की लाठीचार्ज की निंदा

अधिवक्ताओं के साथ पुलिस दुर्व्यवहार और लाठी चार्ज की कांग्रेस ने निंदा की है। इसे लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष विनीत त्यागी ने बताया कि इस घटना में घायल हुए अधिवक्ताओं के समर्थन में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता और संगठन की पूरी टीम अधिवक्ताओं के साथ है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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