Ghaziabad: तीन साल चली प्रक्रिया के बाद युवती से युवक बना शख्स, अब प्रशासन जारी करेगा प्रमाण पत्र
गाजियाबाद में युवती से ट्रांसजेंडर (पुरुष) बने व्यक्ति का प्रशासन द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाना है। जिला एमएमजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने जांच रिपोर्ट सीएमओ को भेजी है। युवती ने सीएमओ कार्यालय में मई 2024 को ट्रांसजेंडर (पुरुष) का प्रमाण पत्र बनाए जाने को लेकर अर्जी दी थी। युवती से ट्रांसजेंडर (पुरुष) बनने का जिले में यह पहला प्रमाण पत्र होगा। इस युवती की उम्र 28 वर्ष है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद में युवती से ट्रांसजेंडर (पुरुष) बने व्यक्ति का प्रमाण पत्र जारी होगा। तीन साल तक चली प्रक्रिया के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र जारी करने की सिफारिश कर दी है। यह प्रमाण पत्र प्रशासन द्वारा जारी किया जाना है।
अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान नई दिल्ली (AIIMS Delhi) के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र के आधार पर उक्त युवती ने सीएमओ कार्यालय में मई 2024 को ट्रांसजेंडर (पुरुष) का प्रमाण पत्र बनाए जाने को लेकर अर्जी दी थी।
पहले डॉक्टरों के बोर्ड ने की थी जांच
सीएमओ ने अर्जी का संज्ञान लेते हुए चिकित्सीय जांच के लिए तीन चिकित्सकों का बोर्ड गठित कर दिया। बोर्ड में डॉ. महेन्द्र कुमार, डॉ. सुषमा भारती और डॉ. आलोक रंजन को नामित किया गया। बोर्ड ने जांच के बाद सीएमओ को भेजी गई रिपोर्ट में लिखा है कि मेडिकल बोर्ड की राय यह है कि अभिलेखों के आधार पर उक्त युवती को ट्रांसजेंडर (पुरुष) का प्रमाण पत्र देने हेतु अग्रिम कार्यवाही की जा सकती है।
युवती ने जरूरी सर्जरी करवाईं
इस जांच आख्या का अध्ययन करने के बाद सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर ने प्रशासन को पत्र भेजकर युवती को ट्रांसजेंडर (पुरुष) का प्रमाण पत्र जारी करने की संस्तुति की है। इस प्रकरण में युवती ने जरूरी सर्जरी करवाईं हैं। यह प्रमाण पत्र प्रशासन को जारी करना है।
गाजियाबाद में पहला ऐसा मामला
युवती से ट्रांसजेंडर (पुरुष) बनने का जिले में यह पहला प्रमाण पत्र होगा। इस युवती की उम्र 28 वर्ष है। युवती ने खुद से इस उम्र में ट्रांसजेंडर बनने की पहल की है। इसलिए यह पहला प्रमाण पत्र है और पोर्टल पर आवेदन किए बिना चिकित्सकों के बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर बनाया जा रहा है।
इससे पहले जन्म से ट्रांसजेंडर के प्रमाण पत्र सामान्य रूप से पोर्टल पर आवेदन करने पर बन जाते हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह का कहना है कि युवती से ट्रांसजेंडर (पुरुष) बने उक्त व्यक्ति का प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
लिंग परिवर्तन कराने पर ट्रांसजेंडर (पुरुष) का जिले में यह पहला प्रमाण पत्र होगा। इसको पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है। सामान्य तौर पर जिले में ट्रांसजेंडर के 57 प्रमाण पत्र बनाए जा चुके हैं।
ट्रासजेंडर के बारे में यह भी जानें
न्यायालय ने माना कि सभी ट्रांसजेंडर व्यक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता), अनुच्छेद 15 (भेदभाव न करना), अनुच्छेद 16 (सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर), अनुच्छेद 19(1)(ए) (स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) के तहत मौलिक अधिकारों के हकदार हैं। 2019 आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ पैकेज में लिंग पुष्टि सर्जरी सहित ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए आयुष्मान भारत टीजी प्लस के रूप में स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध है। इस योजना के तहत प्रत्येक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का बीमा कवर मिल रहा है।
ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2019 ट्रांसजेंडर वो इंसान होते हैं जिनका लिंग जन्म के समय तय किए गए लिंग से मेल नहीं खाता। इनमें ट्रांस मेन, ट्रांस वीमन, इंटरसेक्स और किन्नर भी आते हैं। ट्रांसजेंडर (पारलैंगिक) उस स्त्री या पुरुष को कहते हैं जिसकी पहचान जन्मजात लिंग से न होकर दूसरे लिंग के रूप में हो, या जिसने लिंग-परिवर्तन किया हो । किन्नर (हिजड़ा समुदाय के लोग) बाकी ट्रांसजेंडर लोगों से इस रूप में भिन्न होते हैं कि वे अपने आप को न तो पुल्लिंग न स्त्रीलिंग, पर तृतीय लिंग (थर्ड जेंडर) मानते हैं।