गाजियाबाद में बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या: साक्ष्यों पर दाखिल होगा आरोप पत्र, मिल सकती है फांसी की सजा
Ghaziabad Crime News सहायक पुलिस आयुक्त साहिबाबाद की सहायक पुलिस आयुक्त पूनम मिश्रा ने बताया कि मामले की विवेचना कर रही हूं। जल्द ही न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करूंगा। प्रभावी पैरवी करके पीड़ित परिवार को न्यायालय दिलाऊंगी।
By Avaneesh kumar MishraEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 13 Dec 2022 09:30 AM (IST)
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। घर के बाहर से अगवा पांच साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपित युवक को पुलिस जल्द से जल्द सजा दिलाने की कोशिश में है। इसके लिए पुख्ता साक्ष्यों का संकलन और गवाहों का बयान दर्ज कर रही है। इसी सप्ताह आरोपित के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी है।
एक के बाद एक बढ़ी धारा
बच्ची के अगवा होने पर साहिबाबाद कोतवाली में अपहरण की धारा में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। दो दिसंबर को उसका शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। उसके बाद दो दिसंबर की रात हत्या, साक्ष्य मिटाने, दुष्कर्म और पास्को एक्ट की धारा बढ़ाई गई।
सात दिसंबर को आरोपित आश्रम रोड ब्रज नगरी नंदग्राम का सोनू गुप्ता गिरफ्तार हुआ। उसके बाद मुकदमे में एससी एसटी एक्ट की धारा भी बढ़ाई गई। इसकी साथ मामले की विवेचना साहिबाबाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सचिन मलिक से सहायक पुलिस आयुक्त साहिबाबाद पूनम मिश्रा को हस्तांतरित हो गई।
गवाहों का दर्ज हो रहा बयान
जांच अधिकारी पूनम मिश्रा इस मामले की विवेचना कर रही हैं। सूत्रों ने बताया कि बच्ची के स्वजन, कालोनी के निवासियों, राहगीरों सहित करीब एक दर्जन गवाहों का बयान दर्ज हो चुका है। कुछ अन्य गवाहों का बयान शेष रहा गया। घटना स्थल सहित अन्य स्थानों से साक्ष्य संकलित किए गए हैं।
उनका गहनता से परीक्षण हो रहा है। आरोपित के पास से बरामद खून से सना कपड़ा प्रयोगशाला भेजा गया है। पुलिस ने इस मामले में पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत करके करीब डेढ़ माह में आरोपित को फांसी की सजा दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
यह है मामला
साहिबाबाद कोतवाली क्षेत्र की एक कालोनी में रहने वाले राजमिस्त्री की पांच साल की बेटी एक दिसंबर की दोपहर में घर के बाहर से अगवा हो गई थी। करीब 20 घंटे बाद घर से करीब 30 मीटर की दूरी पर उसका शव मिला था।
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धारा - सजा का प्राविधानहत्या - आजीवन कारावास या फांसीसाक्ष्य मिटाना - तीन या चार साल जेलदुष्कर्म - 10 साल जेलअपहरण - सात साल जेल व आर्थिक दंडएसस एसटी एक्ट की धारा 3(2) 3 - आजीवन कारावासघटनाक्रम एक नजर में
- एक दिसंबर - बच्ची घर के बाहर से अगवा
- दो दिसंबर - घर से 30 मीटर की दूरी पर बच्ची का शव मिला
- पांच दिसंबर - संदिग्ध का स्केच जारी हुआ
- सात दिसंबर - आरोपित गिरफ्तार हुआ