Ghaziabad News: छह महीने से निर्माण कंपनी ने डाल रखा डेरा, बसें शिफ्ट नहीं कर सके अधिकारी
गाजियाबाद डिपो की करीब 59 अनुबंधित बसें विभिन्न शहरों के लिए संचालित होती हैं। इन बसों से रोजाना करीब नौ हजार यात्री सफर करते हैं। बसों को दूसरी जगह भेजने पर इन यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। अगर साहिबाबाद भेजा गया तो यात्रियों को करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। इससे सभी बसों के लिए संचालित बस का किराया भी 15 रुपये तक बढ़ जाएगा।
राहुल कुमार, साहिबाबाद। अधिकारियों की लापरवाही से गाजियाबाद व कौशांबी बस अड्डे का निर्माण शुरू नहीं हो सका है। गाजियाबाद डिपो पर निर्माण कंपनी बीते छह माह से डेरा डाले हुए है। कंपनी प्रतिनिधि बसों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं, लेकिन अधिकारी बसों को चलाने के लिए जगह ही नहीं फाइनल कर सके हैं। इससे बस अड्डे का निर्माण कागजों से जमीन पर नहीं उतर पा रहा है।
गाजियाबाद रीजन के गाजियाबाद व कौशांबी बस अड्डे का वर्ष 2025 तक पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर निर्माण करने की योजना बनी थी। गाजियाबाद डिपो की बसों के संचालन के लिए शुरूआत में अर्थला में 1250 वर्ग मीटर जमीन चिह्नित की थी, लेकिन नगर निगम ने जनहित में जमीन देने से मना कर दिया था।
सिद्धार्थ विहार में की गई थी जमीन चिह्नित
लीज पर जमीन देने की बात कहते हुए 1.45 करोड़ रुपये प्रति वर्ष मांग की थी। इसके बाद गाजियाबाद डिपो के लिए मई में सिद्धार्थ विहार में 11500 वर्ग मीटर जमीन चिह्नित की गई थी। जमीन उपयोग के लिए नगर निगम व मुख्यालय को पत्र लिखा गया। इससे भी कोई हल नहीं निकला।
अब साहिबाबाद डिपो में जमीन चिह्नित कर रहे हैं। अधिकारियों का दावा है कि यहीं से बसों का संचालन करने पर मुख्यालय से वार्ता चल रही है। स्थिति यह है कि जमीन चिह्नित करते हुए करीब दो वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक भी परिवहन निगम के अधिकारी जगह फाइनल नहीं कर सके हैं।
वहीं, कौशांबी डिपो के लिए डिपो के पास ही यूपीसीडा की जमीन चिह्नित की गई थी, लेकिन यूपीसीडा ने कोर्ट में मामला होने की बात कहते हुए जमीन देने से मना कर दिया था। बस अड्डे का निर्माण कोसों दूर है।
61 करोड़ की है योजना, कंपनी ने लगाया बोर्ड
गाजियाबाद डिपो के पीपीपी मोड पर निर्माण की योजना करीब 61 करोड़ रुपये की है। इस कंपनी का निर्माण ओमेक्स प्राइवेट लिमिटेड करेगी। इसके लिए डिपो पर आफिस भी बनकर तैयार है।
कंपनी ने डिपो पर अपने नाम का बोर्ड भी लगा दिया है। इस बोर्ड पर लिखा है यह साइट बस टर्मिनल और कामर्शियल काम्प्लेक्स के लिए प्रस्तावित है। इसका निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के अंतर्गत किया जाएगा।
इतना बजट होना है खर्च
- कौशांबी बस अड्डा पर 266 करोड़
- गाजियाबाद बस अड्डा पर 61 करोड़
गाजियाबाद डिपो की बसों को चलाने के लिए साहिबाबाद डिपो पर भी जमीन चिह्नित की गई है। मुख्यालय से जमीन जल्द फाइनल हो जाएगी। जमीन फाइनल होने पर नया किराया जारी किया जाएगा।
-केसरी नंदन चौधरी, क्षेत्रीय प्रबंधक, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम।