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Ghaziabad News: मेयर के दफ्तर में तैनात संविदा कर्मी अधिकारियों से करता था वसूली, शिकायत के बाद हटाया गया

गाजियाबाद में मेयर के कार्यालय में तैनात संविदा कर्मी अधिकारियों से वसूली करता था। इसकी जानकारी होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है। शिकायत मिलने पर संविदा कर्मी को कैंप कार्यालय से हटाया गया। इसके साथ ही उसकी वेतन वृद्धि भी रोकी गई है। इस कार्रवाई से नाराज मेयर ने कहा कि मेरे कार्यालय में कौन काम करेगा यह मैं तय करूंगी।

By tripathi aditya Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 05 Aug 2024 11:13 AM (IST)
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कर्मचारी को बगैर सहमति हटाए जाने पर मेयर सुनीता दयाल ने नाराजगी जाहिर की है।

विवेक त्यागी, गाजियाबाद। मेयर के कैंप कार्यालय में तैनात एक संविदा कर्मी पर वरिष्ठ अधिकारियों से ही वसूली करने के आरोप लगे हैं। यह कर्मचारी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर नगर निगम के कामकाज से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें कैंप कार्यालय मंगाता था और फिर संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई का भय दिखाकर उनसे धन की उगाही करता था।

इसकी जानकारी होने पर उसे कैंप कार्यालय से हटाकर 311 कंट्रोल रूप में तैनात कर दिया गया है। वहीं अपने कार्यालय के कर्मचारी को बगैर सहमति हटाए जाने पर मेयर सुनीता दयाल ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि मेरे कैंप कार्यालय या मेरे साथ कौन का करेगा, यह मैं तय करूंगी न कि कोई और।

25 हजार रुपये प्रतिमाह मिलता था वेतन

नगर निगम के सूत्रों के अनुसार जिस संविदा कर्मचारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामले में तबादला स्तर की कार्रवाई की गई है, उसके वेतन में भी पिछले महीने चार हजार रुपये की वृद्धि की गई थी। उसे पहले 21 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से वेतन मिलता था जिसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया था।

वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी को निर्देश जारी

अब आरोप लगने के बाद उसकी वेतन वृद्धि भी रोक दी गई है। नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार संविदा कर्मी को हटाने के बाद मेयर के कैंप कार्यालय में अब किसी स्थायी कर्मचारी की तैनाती की जाएगी। इस संबंध में वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आरोपित संविदा कर्मी के विरुद्ध तबादला व वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई के बावजूद मेयर ने उसका समर्थन ही किया है।

मेयर सुनीता दयाल का कहना है कि मेरे कार्यालय में जो भी फाइलें मंगाई जाती हैं, उसमें मेरी सहमति होती है। ऐसे में यह कहना गलत होगा कि कोई कर्मचारी अपनी मर्जी से गलत मंशा से फाइलें मंगाता था। हर फाइल डाक में चढ़कर आती हैं और डाक में चढ़कर ही वापस जाती है। मेयर होने के नाते मुझे हर फाइल मंगाकर जांच करने का अधिकार है।

वहीं इस पूरे मामले को निगम के वरिष्ठ अधिकारी और मेयर के बीच अधिकारों को लेकर चल रही लड़ाई से भी जोड़कर देखा जा रहा है।