Ghaziabad Couple Death: 60 घंटे तक पड़ा रहा दंपती का शव, पुलिस को नहीं लगी भनक
पुलिस के मुताबिक किसी भी सीसीटीवी कैमरे में दंपती का पीछा करता कोई भी व्यक्ति नहीं दिखा है। दंपती पिलखुवा से सीधे हापुड़ चुंगी होते हुए वैशाली जा सकता था। हवलदार ने सीधा रास्ता छोड़कर पिलखुवा से यू-टर्न लेकर मुराद नगर आ गया। हवलदार अंतिम बार अकेले दिखा।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। चित्तौड़ा पुल के पास जंगल में करीब 60 घंटे तक सेना से सेवानिवृत्त हवलदार रनपाल सिंह और उनकी पत्नी रेखा का शव पड़ा रहा। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे क्षेत्र में पुलिस की गश्त व सक्रियता की पूरी तरह से पोल खुल गई।
चित्तौड़ा पुल के पास जिस स्थान पर दंपती का शव मिला वह कनौजा-कुसलिया गांव के संपर्क मार्ग से करीब ढाई सौ मीटर दूर है। इस मार्ग पर इन दोनों गांवों के अलावा अन्य गांव के लोग भी आवाजाही करते हैं। बावजूद इसके यहां पर करीब 60 घंटे तक दंपती का शव पड़ा था लेकिन किसी की नजर नहीं गई। आलम यह रहा कि क्षेत्र में गश्त करने वाली पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं हुई।
आठ मार्च की शाम 5:30 बजे अंतिम बार दिखा
पुलिस ने मामले की गहनता से छानबीन शुरू की है। दर्जनों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली है। पुलिस के हाथ तीन महत्वपूर्ण सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मिली है। शाम चार बजकर छह मिनट पर वह पिलखुवा और शाम चार बजकर 20 मिनट पर नहल चौकी के पास पत्नी के साथ बाइक पर जाता दिखा है। उसके बाद शाम साढ़े पांच बजे गंग नगर चौकी के पास अकेले जाता दिखा है। उस बार वह आर्डिनेंस फैक्ट्री के पास से मुड़कर आता है।
पत्नी की हत्या के बाद आत्महत्या के साक्ष्य
पुलिस के अनुसार, किसी भी सीसीटीवी कैमरे में दंपती का पीछा करता कोई भी व्यक्ति नहीं दिखा है। दंपती पिलखुवा से सीधे हापुड़ चुंगी होते हुए वैशाली जा सकता था। हवलदार ने सीधा रास्ता छोड़कर पिलखुवा से यू-टर्न लेकर मुराद नगर आ गया। हवलदार अंतिम बार अकेले दिखा।
इससे माना जा रहा है कि उसने पहले पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी। बाद में अकेले मुरादनगर आया। यहां से रस्सी ली और पेड़ से लटकर आत्महत्या कर ली। इससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि दोनों की मौत आठ मार्च की शाम पांच से छह बजे के बीच हुई थी।