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राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को आम पहुंचाने में क्यों हो रही देरी? बनाया जा रहा है ये बहाना

Uttar Pradesh News राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को आम पहुंचाने में देरी की जा रही है। बहाना बनाया जा रहा है कि बारिश होने की वजह से बाग में आम नहीं तोड़ पा रहे हैं। 216 लोगों की सूची प्राप्त हो गई है इसके बावजूद भी आम नहीं पहुंचाने में देरी की जा रही है। पढ़िए आखिर पूरा मामला क्या है?

By Hasin Shahjama Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 24 Jul 2024 04:27 PM (IST)
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राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को आम पहुंचाने में देरी की जा रही है। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। साहिबाबाद फल व सब्जी मंडी की मंडी समिति द्वारा आम भेजने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्री सहित 216 लोगों की सूची प्राप्त हो गई है।

इसके बाद भी आम भेजने में देरी की जा रही है। बहाना बनाया जा रहा है कि वर्षा की वजह से बाग में आम तोड़ने में परेशानी हो रही है। अब तक आम मंडी में पहुंच जाने चाहिए थे।

लखनऊ नवाबी शानो-शौकत के साथ ही आम के लिए भी मशहूर है। वर्ष 2005 में तत्कालीन सरकार ने लखनऊ के आम को बढ़ावा देने के लिए काकोरी ब्रांड आम (पूर्व का नाम नवाब ब्रांड) तैयार किया। बाद सहारनपुर बेल्ट का आम भी ब्रांडिंग के लिए चुना गया। निर्यात के लिए ब्रांड का प्रचार करने के मद्देनजर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्रियों को आम भेजा जाता है।

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इस बार भाजपा संगठन और न्यायालय से जुड़े अधिकारियों को भी आम भेजा जाएगा। मंडी समिति को तीन वर्ग में सूची प्राप्त हुई है। अलग-अलग वर्ग में 133, 25 और 58 की सूची मिली है। सहारनपुर के बागों से आम साहिबाबाद मंडी पहुंचेगा। अब तक आम मंडी में आ जाना चाहिए था, लेकिन आम पहुंचने में लगातार देरी हो रही है। आम पहुंचने में देरी का कारण मौसम को बताया जा रहा है।

विदेश निर्यात होता है आम 

आम को काकोरी ब्रांड नाम से निर्यात किया जाता है। यूपी सरकार निर्यातकों और बागवानों के लिए प्रोत्साहन राशि भी देती है। काकोरी ब्रांड का आम दुबई, कुवैत, बहरीन, ओमान, अरब, जापान, अमेरिका, आस्ट्रेलिया व कतर सहित अन्य खाड़ी देशों में निर्यात होता है।

बदल दिया था आम का नाम

आम का ब्रांड नाम नवाब रखने के बाद निर्यात में कोई खास बढ़त नहीं मिल सकी। एक सीजन में कभी भी सौ से 150 मीट्रिक टन से ज्यादा आम का निर्यात नहीं हो सका। जबकि कम से कम 400 से 500 मीट्रिक टन आम का निर्यात होने की अपेक्षा की जाती है। जून 2020 में शासन स्तर पर नवाब ब्रांड का नाम बदलने पर मंथन किया गया था। अधिकारियों ने बागवानों के साथ बैठक की थी। बागवानों से नए नाम के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे।

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वहीं, कुछ किसानों ने यूपी किंग, श्रीराम, रघुवंशी, लखन, संजीदा, अवध, दादा, निहाल, नाथ आदि नाम सुझाए थे, लेकिन नाम बदलने पर मुहर नहीं लगी। जुलाई 2022 में मुख्यमंत्री ने नवाब आम का नाम बदलकर काकोरी कर दिया था। तब इस इस आम को काकोरी के नाम से जाना जाता है।

216 लोगों की प्राप्त हुई सूची

मौसम की वजह से आम अभी टूटा नहीं है। जिस वजह से आम अभी मंडी में नहीं आया है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, सभी केंद्रीय मंत्री सहित कुल 216 लोगों की सूची प्राप्त हुई है। सहारनपुर से काकोरी आम मंडी में आएगा। - सुनील कुमार शर्मा, मंडी सचिव