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ED ने गाजियाबाद के बिल्डर राजीव त्यागी को किया गिरफ्तार, 22 करोड़ की ठगी मामले में की थी पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गाजियाबाद के बिल्डर राजीव त्यागी को यूनियन बैंक से 22.20 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपित बिल्डर को पूछताछ के लिए लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय बुलाया गया था। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। ईडी ने साक्ष्यों के आधार पर बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 17 Oct 2024 09:30 PM (IST)
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ED ने गाजियाबाद के बिल्डर राजीव त्यागी को किया गिरफ्तार।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूनियन बैंक से 22.20 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में गाजियाबाद के बिल्डर राजीव त्यागी को गिरफ्तार किया है। आरोपित बिल्डर को पूछताछ के लिए लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय बुलाया गया था। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। ईडी ने साक्ष्यों के आधार पर बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया।  

ईडी ने 23 सितंबर को बिल्डर राजीव त्यागी व उसके बेटों की 14.89 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। इनमें औद्योगिक व रिहायशी भूखंड, दुकान, कार्यालय व फ्लैट शामिल हैं। साईं कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स के निदेशक राजीव त्यागी के बेटे अर्मत्य राज त्यागी व कनिष्क राज त्यागी भी अलग-अलग फर्मों के संचालक हैं। इनमें एसकेटी गारमेंट्स लिमिटेड व एसके इंटरप्राइजेज शामिल हैं। 

लोन के लिए गिरवी संपत्तियों के दस्तावेजों का किया प्रयोग

गाजियाबाद के साईं कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स व उसकी सहयोगी फर्मों द्वारा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 22.20 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था, जिसे चुकाया नहीं गया। ईडी की जांच में सामने आया कि राजीव त्यागी अपनी पत्नी मीनू त्यागी के नाम से साईं कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स का संचालन कर रहे थे। मीनू कंपनी में साझेदार थीं। आरोपितों ने यूनियन बैंक से करोड़ों रुपये का ऋण हासिल करने के लिए अपनी पहले से ही यूको बैंक में गिरवी संपत्तियों के दस्तावेजों का प्रयोग किया था। 

यूनियन बैंक में भी बंधक बनाकर ऋण लिया गया

उन संपत्तियों को ही यूनियन बैंक में भी बंधक बनाकर ऋण लिया गया। रकम न चुकाने पर यूनियन बैंक ने उन्हें डिफाल्टर घोषित कर दिया। बैंक जब बंधक बनाई गई संपत्तियों पर कब्जा लेने पहुंचा तब पता चला कि दूसरा बैंक उन्हें पहले ही जब्त कर चुका है। मामले में पहले सीबीआइ गाजियाबाद की एंटी करप्शन ब्रांच ने यूनियन बैंक की शिकायत पर 11 अप्रैल, 2020 को बैंक से धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। ईडी ने मुकदमे को आधार बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी।

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