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Ghaziabad News: बुजुर्ग की देखरेख करने वाली घरेलू सहायिका ने अपने नाम करा लिया मकान, पीड़ित ने दर्ज कराई FIR

गाजियाबाद के नेहरू नगर में एक बुजुर्ग की देखभाल करने वाली घरेलू सहायिका पर धोखे से बुजुर्ग का मकान अपने नाम कराने का आरोप है। बुजुर्ग की मौत के बाद जब घरेलू सहायिका ने मकान पर अपना दावा ठोका तो स्वजन को इसका पता चला। अब इस मामले में बुजुर्ग के इकलौते बेटे ने सिहानी गेट थाने में आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Tue, 08 Oct 2024 06:45 PM (IST)
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बुजुर्ग की देखरेख करने वाली घरेलू सहायिका ने अपने नाम करा लिया मकान।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। नेहरू नगर में एक बुजुर्ग की देखरेख का काम करने वाली घरेलू सहायिका पर धोखे से बुजुर्ग का मकान अपने नाम कराने का आरोप है। बुजुर्ग की मौत के बाद जब घरेलू सहायिका ने मकान पर अपना दावा ठोका तो स्वजन को इसका पता चला। अब इस मामले में बुजुर्ग के इकलौते बेटे ने सिहानी गेट थाने में आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

शिकायतकर्ता देवदास यादव ने बताया कि वह नेहरू नगर में रहते हैं। उनके घर से 500 मीटर की दूरी पर दूसरे मकान में उनके पिता राम आसरे यादव रहते थे, वह बीमार रहते थे। उनकी देखरेख के लिए 20 साल पहले घरेलू सहायिका वीर कौर को नौकरी पर रखा था। इसके अलावा एक युवक अमित यादव भी उनके साथ रहता था। वह खुद पिता की देखभाल के लिए सुबह-शाम घर जाते थे।

दो दिन बाद आठ जून को हो गई उनकी मौत

30 मई 2024 को शाम साढ़े पांच बजे वीर कौर ने फोन कर राम आसरे यादव की तबीयत खराब होने की जानकारी दी। देवदास ने पिता को नेहरू नगर स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनको मैक्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया। छह जून को उनको अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया तो स्वजन घर ले आए। दो दिन बाद आठ जून को उनकी मृत्यु हो गई।

अमित यादव और कृष्ण कुमार को बनाया गवाह

आरोप है कि नौ जून को वीर कौर ने बताया कि राम आसरे यादव ने गिफ्ट डीड के माध्यम से अपने मकान को उसके नाम कर दिया है। निबंधन कार्यालय में जानकारी करने पर पता चला कि 30 मई को शाम 4:52 बजे गिफ्ट डीड के माध्यम से मकान की रजिस्ट्री कराई गई है, जिसमें अमित यादव और कृष्ण कुमार को गवाह बनाया है। जबकि 30 मई को ही शाम साढ़े पांच बजे राम आसरे की तबीयत खराब होने की जानकारी वीर कौर ने दी थी।

गिफ्ट डीड के माध्यम से मकान की रजिस्ट्री कराई

देवदास का आरोप है कि धोखे से उनके पिता के हस्ताक्षर कराकर गिफ्ट डीड के माध्यम से मकान की रजिस्ट्री कराई गई है। जब पिता अस्पताल में भर्ती थे, तब वह कह रहे थे कि इन लोगों ने कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराए हैं, इनसे बचाओ लेकिन उनकी तबीयत खराब होने के कारण उनकी बातों पर उस वक्त ध्यान नहीं दिया। एसीपी नंदग्राम पूनम मिश्रा ने बताया कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

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