गाजियाबाद में जल निगम का अधिशासी अभियंता 13 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार
राजनगर स्थित जल निगम के चीफ इंजीनियर कार्यालय से 13 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह को विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथाें गिरफ्तार किया है। टीम आरोपित को कविनगर थाने लेकर गई है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 08 Apr 2021 05:22 PM (IST)
गाजियाबाद [आशुतोष गुप्ता़]। ठेकेदार से ठेका देने के नाम पर रिश्वत लेते हुए जल निगम के अधिशासी अभियंता (एक्सइएन) विक्रम सिंह को विजिलेंस की टीम ने बृहस्पतिवार को दबोच लिया। आरोपित के पास से टीम ने रिश्वत में लिए गए 13 लाख रुपये बरामद किए हैं। आरोपित अधिशासी अभियंता 3.60 करोड़ रुपये के ठेके के नाम पर 25 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था। इस मामले की शिकायत ठेकेदार ने एसपी विजिलेंस से की थी। इसके बाद टीम का गठन कर आरोपित काे पकड़ा गया। इस संबंध में विजिलेंस ने आरोपित के खिलाफ कविनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
आरोपित मूलरूप से बुलंदशहर के थाना डिबाई स्थित गांव गालिबपुर का रहने वाला है। वह जल निगम की दिल्ली जल संपूर्णति रखरखाव इकाई गाजियाबाद में तैनात है और राजनगर सेक्टर एक स्थित जल निगम मुख्य अभियंता के कार्यालय में बैठता है। वर्तमान में वह सेक्टर 62 नोएडा ओवरजीस टावर में परिवार के साथ रह रहा था।
फरवरी 2021 में जल निगम के ठेकेदार मेरठ निवासी सतीश कुमार काे मुरादनगर में सिल्ट हटाने का ठेका 3.60 करोड़ रुपये में मिला था। इसकी एवज में विक्रम सतीश से सात फीसद कमीशन की मांग कर रहा था। रिश्वत नहीं देने पर वह सतीश को काम नहीं करने दे रहा था।
विक्रम ने सतीश से 25 लाख रुपये की मांग की तो घटते हुए पहले 23 लाख पर आकर रुकी इसके बाद 21 लाख रुपये की रिश्वत तय हो गई। विक्रम के लगातार दबाव बनाने पर सतीश ने मामले की शिकायत एसपी विजिलेंस कुंवर अनुपम सिंह से पांच अप्रैल को कर दी।
इसके बाद इंस्पेक्टर अशोक सिसौदिया व संजय शर्मा के नेतृत्व में विजिलेंस टीम का गठन किया गया। तय योजना के मुताबिक सतीश बृहस्पतिवार दोपहर 13 लाख रुपये लेकर विक्रम सिंह के कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने विक्रम को 13 लाख रुपये की रिश्वत दी और विजिलेंस की टीम ने विक्रम को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में विजिलेंस की टीम ने रिश्वत के मामले में विक्रम के खिलाफ कविनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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