गाजियाबाद में जैवलिन थ्रो के नाम पर सुविधा सिफर, कैसे चमकेंगे नीरज चोपड़ा जैसे सितारे
जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने देश को ओलिंपिक का पहला स्वर्ण दिलाया था। इसके बाद अब विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Athletics Championships) में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है। वहीं गाजियाबाद में एकमात्र सरकारी खेल सुविधाओं वाले महामाया स्टेडियम में कई खेलों के प्रशिक्षकों का आज भी टोटा है। जैवलिन थ्रो का जिले भर में कोई खेल प्रशिक्षक नहीं है।
गाजियाबाद, शाहनवाज अली। विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने 88.17 मीटर दूर भाला फेंक कर देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। इस पदक की जीत पर पूरा देश झूम रहा है, लेकिन विडंबना देखिए कि इस खेल के दो खिलाड़ी अभ्यास के लिए महामाया स्टेडियम पहुंचते और प्रशिक्षक के अभाव में यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर जैवलिन थ्रो की तकनीक सीखते थे।
जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने देश को दिलाया था ओलिंपिक का पहला स्वर्ण
विभाग की ओर से खेल संसाधन और सुविधाएं न मिलने पर पिछले करीब एक वर्ष से वह जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में अभ्यास कर रहे हैं। जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने देश को ओलिंपिक का पहला स्वर्ण दिलाया था। इसके बाद अब विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है।
वहीं, जिले में एकमात्र सरकारी खेल सुविधाओं वाले महामाया स्टेडियम में कई खेलों के प्रशिक्षकों का आज भी टोटा है। मौजूदा समय में जूडो, वुशू, भारोत्तोलन, एथलेटिक्स, हाकी, फुटबाल, क्रिकेट, नेटबाल, बाक्सिंग, कुश्ती और तैराकी के लिए जीवन रक्षक की तैनाती है।
महामाया स्टेडियम में मधु नागर और प्रताप विहार निवासी रोहित कुमार ही करीब डेढ़ वर्ष पूर्व यहां अभ्यास करने के लिए आते हैं, लेकिन जैवलिन थ्रो का जिले भर में कोई खेल प्रशिक्षक नहीं है।
स्थानीय स्तर पर सुविधाएं नहीं मिली तो दोनों ने महामाया स्टेडियम का रास्ता छोड़ दिया और पैरा जैवलिन थ्रोअर को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में प्रशिक्षण दे रहे विपिन कसाना से जैवलिन थ्रो की तकनीक सीखकर प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर चुके हैं।
जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है। बड़ी खुशी की बात है। महामाया स्टेडियम में यू-ट्यूब में सीनियर जैवलिन थ्रोअर की तकनीक को देखकर अभ्यास करती थी। कुछ दिन बाद ही स्टेडियम से हमारा नेट भी उखाड़ दिया। अब दिल्ली के जेएलएन स्टेडियम में अभ्यास करती हूं।
- मधु नागर, जैवलिन थ्रोअर
देश को नीरज चोपड़ा ने ओलिंपिक के बाद विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक दिलाया। यह गर्व की बात है। वहीं, जिले भर में कोई जैवलिन थ्रो का खेल प्रशिक्षक नहीं है। हामाया स्टेडियम में हम दो ही खिलाड़ी अभ्यास के लिए आते थे। कई बार खेल विभाग से सुविधा और संसाधनों की मांग की, लेकिन सहायता न मिलने पर मजबूरी में दिल्ली स्टेडियम जाना पड़ा।
- रोहित कुमार, जैवलिन थ्रोअर