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10 लाख रुपये में बना रहे सीबीआइ का ‘दारोगा’, फर्जी नियुक्त पत्र लेकर पहुंचा एक युवक तो हुआ पर्दाफाश

Ghaziabad Crime News करोड़ों और अरबों रुपये के घोटाले और धोखाधड़ी के मामलों की तफ्तीश खोलने वाली सीबीआइ में नौकरी के नाम पर एक शातिर गैंग दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय गिरोह प्रति व्यक्ति 8-10 लाख रुपये ऐंठ रहा है।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 03 Nov 2020 11:49 AM (IST)
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आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी करने और साजिश रचने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

गाजियाबाद [आयुष गंगवार]। सरकारी नौकरी के नाम पर भोले-भाले व्यक्तियों को ठगने वालों ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को भी नहीं छोड़ा। करोड़ों और अरबों रुपये के घोटाले और धोखाधड़ी के मामलों की तफ्तीश खोलने वाली सीबीआइ में नौकरी के नाम पर एक शातिर गैंग दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय गिरोह प्रति व्यक्ति 8-10 लाख रुपये ऐंठ रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया, जब सीबीआइ उप निरीक्षक के पद का फर्जी नियुक्ति-पत्र लेकर एक व्यक्ति कमला नेहरूनगर स्थित सीबीआइ एकेडमी में प्रशिक्षण के लिए पहुंच गया। वहीं, फर्जी नियुक्ति पत्र का पता चलते ही एकेडमी में हड़कंप मच गया। सीबीआइ के डीएसपी राजीव कुमार रिषी ने अज्ञात के खिलाफ थाना थाना कविनगर में फर्जी दस्तावेज तैयार करने, इनका प्रयोग कर धोखाधड़ी करने और साजिश रचने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

सीबीआइ इंस्पेक्टर बन जाल में फंसाया

सीबीआइ एकेडमी में तैनात डीएसपी राजीव कुमार रिषी सीबीआइ में भर्ती हुए 24वें बैच के उप निरीक्षकों का एकेडमी में प्रशिक्षण चल रहा है। वह प्रशिक्षण कोर्स के निदेशक हैं। डीएसपी ने बताया कि 26 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे उन्हें कार्यालय से सिपाही संजीव यादव ने फोन कर बताया कि गुरुग्राम के जनौला निवासी नितेश उप निरीक्षक का प्रशिक्षण कोर्स ज्वाइन करने के लिए नियुक्ति-पत्र लेकर आए हैं। डीएसपी के मुताबिक मुख्यालय से प्रशिक्षु अभ्यर्थियों की मिली सूची में नितेश का नाम नहीं था। सीबीआइ मुख्यालय से नितेश के नाम कोई नियुक्ति-पत्र भी जारी नहीं किया गया था। इसलिए नितेश के दिए दस्तावेज चेक किए तो उस पर सीबीआइ स्पेशल क्राइम ब्रांच, तिरुअनंतपुरम के पुलिस अधीक्षक नंदकिशोर नायर के हस्ताक्षर थे। एसपी के मुताबिक नंदकिशोर नायर के हस्ताक्षर एक सितंबर को स्पेशल क्राइम ब्रांच में दर्ज एक एफआइआर से कापी किए गए थे। पूछताछ में नितेश ने बताया कि हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी सीबीआइ इंस्पेक्टर अजीत यादव ने उन्हें यह नियुक्ति-पत्र दिया है। डीएसपी ने बताया कि सीबीआइ में इस नाम का कोई इंस्पेक्टर नहीं है।

दो और फर्जी नियुक्ति-पत्र मिले

नितेश और उसके रिश्तेदार रवित कुमार की सीबीआइ में कनिष्ठ लिपिक के पद पर फर्जी नियुक्ति-पत्र भी उससे बरामद हुए हैं। फर्जीवाड़े का पता चलने पर नितेश ने इन दस्तावेजों समेत गृह मंत्रालय और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) से जुड़े कुछ दस्तावेज भी सीबीआइ एकेडमी में जमा करा दिए। पुलिस पूछताछ में नितेश ने बताया कि खुद को इंस्पेक्टर बताने वाले अजीत यादव से वह नई दिल्ली स्थित बिजवासन रेलवे स्टेशन की पार्किंग में संचालित चाय की दुकान पर मिला था। उसने नौकरी दिलाने का झांसा दिया, जिसके बाद नितेश के पिता महेंद्र सिंह उससे यहीं पर मिले। नौकरी के नाम पर उसके पिता से 10 लाख रुपये लिए गए थे।

रामानंद प्रकाश कुशवाहा (कार्यवाहक एसपी सिटी) का कहना है कि सीबीआइ के डीएसपी की ओर से मिली तहरीर पर धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। साक्ष्यों के आधार पर तफ्तीश शुरू कर दी गई है। जल्द ही ट्रेस कर आरोपितों को गिरफ्तार करेंगे।

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