फर्जी IPS के बड़े राज... विदेश तक गहरे संबंध, मित्र को छुड़ाने के लिए अफसरों पर जमाया रौब; पहुंचा सलाखों के पीछे
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक फर्जी आईपीएस गिरफ्तार किया गया है। वह अपने दुबई वाले मित्र को छुड़ाने के लिए पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करता था। वहीं शक होने पर पुलिस ने उसकी जांच की तो उसका असली चेहरा सामने आ गया। पुलिस की जांच में आरोपी अनिल कटियाल के कई बड़े राज सामने आए हैं। आगे जानिए आखिर ये फर्जी आईपीएस कौन है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद में एक फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार किया गया है। वह अपने दुबई वाले मित्र को छुड़ाने के लिए पुलिस अधिकारियों से मिलता था। वहीं, पुलिस की जांच में उसके कई बड़े राज सामने आए हैं।
रिटायर्ड IPS का परिचय देकर अधिकारियों से मिलता था
कमिश्नरेट में तैनात दो आईपीएस अधिकारियों में से एक व्यक्ति खुद का परिचय वर्ष 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अनिल कटियाल के रूप में देकर मुलाकात करता है।
अनिल कटियाल अपने मित्र गुरुग्राम निवासी विनोद कपूर को इंदिरापुरम थाना पुलिस द्वारा 75 लाख रुपये के फर्जीवाड़े के मामले में गलत तरीके से पकड़ने की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग करता है। शक होने पर उसकी पृष्ठभूमि की जानकारी जुटाई जाती है।
साथी विनोद कपूर भी गिरफ्तार
वहीं, जांच में सामने आया कि उसके नाम का कोई अधिकारी ही नहीं था। पुलिस ने फर्जी आईपीएस ग्रेटर कैलाश निवासी अनिल कटियाल और उसके साथी गुरुग्राम निवासी विनोद कपूर को गिरफ्तार किया है। आरोपित ने पुलिस आयुक्त अजय मिश्र और डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल से मुलाकात कर फर्जीवाड़े के आरोपित विनोद कपूर को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया था।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी ने बताया कि अनिल कटियाल के पिता चेतराम कटियाल आईआरएस अधिकारी रहे हैं। अनिल कटियाल ने दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल के बाद सेंट स्टीफंस कॉलेज से वर्ष 1973 से 1978 तक पढ़ाई की है। वर्ष 1979 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी, लेकिन पास नहीं हुआ।
पीएचडी करने अमेरिका गया था अनिल
बताया कि उसी वर्ष अमेरिका की येल यनिवसिर्टी से पीएचडी करने भी अनिल कटियाल गया था, लेकिन बीच में छोड़कर आ गया। इसके बाद हिंदुस्तान लीवर, यामाहा में उच्च पदों पर रहने के बाद वोडाफोन कंपनी में उपाध्यक्ष कारपोरेट अफेयर्स के पद से वर्ष 2015 में रिटायर हुआ।
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