kisan Andolan: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में जिंदा समाधि लेने की कोशिश में किसान, पढ़िये- पूरा मामला
धरनारत किसानों ने कुछ दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर 14 सितंबर तक बढ़े मुआवजे और तीनों कृषि कानून का समाधान न निकालने पर जिंदा समाधि लेने की बात कही थी।
By Jp YadavEdited By: Updated: Wed, 15 Sep 2021 11:06 AM (IST)
नई दिल्ली/गाजियाबाद [अजय सक्सेना]। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के लोनी इलाके में चार साल से भी अधिक समय से चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन में बुधवार को सुबह अचानक नया मोड़ आ गया। जागरण संवाददाता के मुताबिक, लोनी में आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के खिलाफ मुआवजे की मांग को लेकर 4 साल से भी अधिक समय से धरने पर बैठे किसानों जिंदा समाधि का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि इस समय 6 गांव के कई किसान जिंदा समाधि लेने की कोशिश कर रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, जिंदा समाधि के कड़ी में धरना स्थल पर चार दिन पूर्व किए गए गड्ढों में बुधवार को किसान लेट गए। फिलहाल मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी किसानों से वार्ता करने का प्रयास कर रहे हैं।
आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के खिलाफ मुआवजे की मांग को लेकर साढे 4 साल से धरने पर बैठे किसानों की समस्याओं का हल नहीं हुआ है और गुस्साए किसान जिंदा समाधि ले रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी किसानों से वार्ता के प्रयास में जुटे हैं।
मंडोला विहार योजना के लिए मंडवाला समेत छह गांव की भूमि अधिग्रहण की गई थी। किसानों का आरोप है कि उन्हें निम्न दर पर मुआवजा दिया गया है। उचित मुआवजे की मांग को लेकर मंडोला समय 6 गांव के किसान पिछले साढे 4 साल से धरने पर बैठे थे। किसानों का आरोप है जी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उनकी बात को शासन स्तर तक नहीं पहुंचाया गया जिससे उनकी समस्या का हल नहीं हो सका गुस्साए किसानों ने उस समय पूर्व जिंदा समाधि लेने का निर्णय लिया था। जिसके लिए किसानों ने 15 गड्ढे भी कर लिए थे। पूर्व निर्धारित योजना के तहत बुधवार सुबह करीब 9:00 बजे किसान धरना स्थल पर पहुंचे।
किसान नेता मनवीर तेवतिया के नेतृत्व में किसानों ने जिंदा समाधि लेना शुरू कर दिया। फिलहाल पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं। अधिकारी किसानों से वार्ता के प्रयास में जुटे हैं लेकिन किसान समस्या का समाधान न होने पर जिंदा समाधि लेने का मन बना चुके हैं। वही 15 किसानों को देखते हुए देखकर अन्य किसानों ने भी समाधि का निर्णय लिया है। जिसके चलते अन्य किसान जिंदा समाधि लेने को गड्ढा खोदने में लगे हैं। किसान नेता नीरज त्यागी ने मुआवजे की मांग पूरी ना होने पर समाधि लेने की बात कही है।
उधर, किसान नेता नीरज त्यागी का कहना है कि आवास विकास परिषद के खिलाफ मंडोला विहार योजना से प्रभावित छह गांव के किसान करीब पांच वर्ष से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। धरनारत किसानों ने कुछ दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर 14 सितंबर तक बढ़े मुआवजे और तीनों कृषि कानून का समाधान न निकालने पर जिंदा समाधि लेने की बात कही थी।
एक दिन पूर्व ही उपजिलाधिकारी (लोनी) शुभांगी शुक्ला, क्षेत्राधिकारी अतुल सोनकर समेत आवास विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता डीबी सिंह मंगलवार शाम करीब छह बजे धरनास्थल पर किसानों से मिलने पहुंचे थे। इसके साथ ही उन्होंने किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल की वार्ता अपर जिलाधिकारी प्रशासन से हिंडन एयरफोर्स पुलिस चौकी पर कराई।
बावजूद इसके किसानों का कहना है कि वार्ता में कोई संतोषजनक समाधान नही हुआ है। किसान अपने निर्णय पर अटल हैं और बुधवार को किसान अपने नेता मनवीर तेवतिया के साथ धरनास्थल पर बने गड्ढों में समाधि लेकर आमरण अनशन करेंगे।शुभागी शुक्ला (उपजिलाधिकारी, लोनी) का दावा है कि किसानों को वार्ता के लिए बुलाया है। वार्ता कर किसानों की समस्या का समाधान किया जाएगा।
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