Fire in E-Scooter Factory: लोनी में ई-स्कूटी की फैक्ट्री में लगी आग, मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियां
लोनी के ट्रॉनिका सिटी में स्थित एक ई-स्कूटी और ई-रिक्शा बनाने की फैक्ट्री में भीषण आग लग गई है। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है लेकिन शॉर्ट-सर्किट की आशंका जताई जा रही है। फैक्ट्री में करीब 50 लोग काम करते थे लेकिन आग लगने के समय सभी लोग सुरक्षित बाहर निकल गए। आग बुझाने के लिए दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद (गाजियाबाद)। ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर ए-7 में एक ई रिक्शा और ई स्कूटी बनाने की फैक्टरी में बृहस्पतिवार शाम को आग लग गई। फैक्ट्री में काम कर रहे आठ से 10 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। अग्निशमन विभाग ने 20 से अधिक टैंकरों से आग बुझाई। शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। आग में कितना नुकसान हुआ, अभी इसका आंकलन नहीं हो पाया है।
फैक्ट्री मालिक के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं थी। तीन मंजिला बिल्डिंग में कार्ट इंडिया और रिमार्क इलेक्ट्रिक व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड नाम की दो औद्योगिकी इकाइयां संचालित हो रही हैं। इनमें ई-रिक्शा और ई-स्कूटी बनती हैं।अग्निशमन विभाग के अनुसार इनके मालिक रोहित मलिक, रोहित जैन, अखिल जैन और संदीप अरोड़ा हैं। गुरुवार शाम पांच बजे फैक्ट्री की छुट्टी हो गई थी। फैक्ट्री में आठ से 10 लोग मौजूद थे। शाम करीब छह बजे अचानक बिल्डिंग के तीसरे तल पर आग लग गई। कर्मचारियों को वहां लगे उपकरण से आग बुझाने की कोशिश की गई लेकिन आग इतनी तेज गति से फैल गई कि वह बुझाई न जा सकी।
इसके बाद कर्मचारी फैक्ट्री में रखे सामान को बचाने की कोशिश करने लगे। तीसरे तल से दूसरे तल पर भी आग फैल गई। आग लगने की सूचना अग्निशमन विभाग और पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने सबसे पहले फैक्ट्री से सभी लोगों को बाहर निकाला। सूचना के 20 मिनट बाद आग बुझाने की गाड़ी पहुंची।उद्यमियों का आरोप है कि आग बुझाने की गाड़ी एक घंटे बाद पहुंची। अग्निशमन विभाग ने आग बुझाने के लिए जिले के अलग-अलग स्टेशन और बागपत से कुल आठ गाड़ियां मंगवाई गईं। रात साढ़े नौ बजे तक आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि आग बुझाने का कार्य देर रात तक जारी रहा।
नहीं थी एनओसी
मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल ने बताया कि फैक्ट्री में आग बुझाने के उपकरण तो लगे थे। उपकरणों का प्रयोग हुआ या नहीं हुआ इसके बारे पता नहीं चला। आग लगने की सूचना देने में देरी की गई। देरी से गाड़ी पहुंचने का आरोप गलत हैं। फैक्ट्री के पास एनओसी नहीं थी। आग बुझाने के दौरान बिजली की आपूर्ति रोक दी गई थी। आग बुझाने में स्थानीय लोगों ने भी मदद की।
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