Move to Jagran APP

ऑक्सीजन का संकट कम करने के लिए गाजियाबाद में विकसित किया जाएगा वन, जापानी पद्धति का होगा इस्तेमाल, जानिए अन्य खास बातें

कर्नाटक महाराष्ट्र सहित अन्य स्थानों पर इस पद्धति से वन बनाए गए हैं। नगर निगम द्वारा प्रताप विहार में जापान के विज्ञानी डी. अकीरा मियावाकी की पद्धति से डेढ़ एकड़ जमीन में वन तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इसलिए इसका नाम मियावाकी पद्धति है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Sat, 05 Jun 2021 02:30 PM (IST)
Hero Image
प्रताप विहार में तैयार किया जा रहा है वन, दस साल की जगह दो साल में पेड़ का आकार लेंगे पौधे।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। भारत-पाकिस्तान की तरह चीन-जापान को भी दुश्मन माना जाता है। चीन की दी हुई बीमारी से निपटने के लिए गाजियाबाद नगर निगम अब जापान के विज्ञानी डी. अकीरा मियावाकी की पद्धति का इस्तेमाल कर दो साल के अंदर एक वन विकसित करेगा, जिससे की आक्सीजन का संकट कम हो। इस पद्धति को आमतौर पर मियावाकी पद्धति के नाम पर जाना जाता है और कर्नाटक, महाराष्ट्र सहित अन्य स्थानों पर इस पद्धति से वन बनाए गए हैं। नगर निगम द्वारा प्रताप विहार में जापान के विज्ञानी डी. अकीरा मियावाकी की पद्धति से डेढ़ एकड़ जमीन में वन तैयार करने का निर्णय लिया गया है। जिस पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

इस पद्धति की खासियत यह है कि कम जगह में ज्यादा पौधे लगाए जा सकते हैं और ये पौधे पांच गुना तेजी से पेड़ का आकार लेते हैं। यानी की तय की गई जमीन पर लगाए जाने वाले 12 हजार पौधे आठ-दस साल के बजाय दो साल में ही पेड़ बनकर खड़े हो जाएंगे और पर्यावरण संरक्षण के साथ ही आक्सीजन संकट को कम करेंगे। वन को तैयार करने में नगर निगम की मदद कर रहे से अर्थ संस्था के संचालक और पर्यावरणप्रेमी रामवीर तंवर ने बताया कि पौधों को तेजी से विकसित करने के लिए जमीन की पहले एक फीट तक खोदाई की जाती है। इसके बाद उसमें गौमूत्र, गोबर, भूस डालकर उसे उपजाऊ बनाया जाता है।

ऐसा होने पर जब पौधे रोपे जाते हैं तो उनकी जड़ों को जमीन के अंदर जाने में ज्यादा समय नहीं लगता है। पौधे तेजी से विकसित होते हैं। इस कार्य में एमएनसी कंपनी में कार्यरत पर्यावरण प्रेमी मोहित की भी मदद ली जा रही है, जो कि कंसल्टेंट के तौर पर मदद कर रहे हैं।

नगर आयुक्त का बयान

मियावाकी पद्धति से पौधरोपण कर वन तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। जमीन की खोदाई की जा रही है। मानसून आने से पहले से पौधरोपण कर दिया जाएगा। - महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।