सावधान! एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर हो रही ठगी, प्रवेश दिलाने के नाम पर डॉक्टर से ठगे 11 लाख रुपये
गाजियाबाद के वैशाली में सलाहकार और उसके साथियों ने एमबीबीएस में डॉक्टर के बेटे को प्रवेश दिलाने के नाम पर 11 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। उन्हें फर्जी एडमिशन कार्ड भी थमा दिया। वह मेरठ स्थित कॉलेज पहुंची तो पता चला कि यह फर्जी एडमिशन कार्ड है। उनके बेटे का कोई प्रवेश नहीं हुआ। तब उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। कौशांबी थाना क्षेत्र के वैशाली में सलाहकार और उसके साथियों ने एमबीबीएस में डॉक्टर के बेटे को प्रवेश दिलाने के नाम पर 11 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। उन्हें फर्जी एडमिशन कार्ड भी थमा दिया। जब वह कालेज पहुंचे तो उन्हें धोखाधड़ी का पता चला। उन्होंने आरोपित के खिलाफ कौशांबी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
बिजनौर धामपुर की डॉ. सिम्मी अग्रवाल ने दर्ज एफआईआर में बताया कि उनका बेटा इंटर पास है। उन्हें कॉल करके भिवानी नगर भोपाल के अरुण कुमार ने बताया कि वैशाली में मेट्रो स्टेशन के पास करियर कंसल्टेन्सी में उनका कार्यालय है। वह उनके बेटे को एमबीबीएस में प्रवेश दिला देगा।
पति डॉ. जितेन्द्र मोहन अग्रवाल और बेटे के साथ 20 अगस्त को अरुण के वैशाली स्थित कार्यालय पर मिलने पहुंची। प्रवेश के लिए 31 लाख रूपये खर्च बताया। प्रवेश नहीं मिलने पर पूरे पैसे वापस करने का दावा किया। उनसे एक लाख रुपये एडवांस और बेटे के समस्त शैक्षिक दस्तावेज ले लिए।उनसे एक फार्म भरवाया।
11 सितंबर को उन्हें बेटे के साथ प्रयागराज 10 लाख रुपये लेकर बुलाया। रुपये लेकर उन्हें बताया कि बेटे का प्रवेश मोतीलाल मेडिकल में केंद्रीय पूल की रिजर्व सीट पर कराया है। यहां से मेरठ में लाला लाजपतराय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर करा देंगे।
उन्होंने लखनऊ मिलने के लिए बुलाया। जहां उन्हें एडमिशन कार्ड दिखाते हुए कहा कि उनका ट्रांसफर करा दिया है। वह मेरठ स्थित कॉलेज पहुंची तो पता चला कि यह फर्जी एडमिशन कार्ड है। उनके बेटे का कोई प्रवेश नहीं हुआ।
तब उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला। उन्होंने अरुण कुमार व उसके साथी नितिन कुशवाहा के खिलाफ शिकायत की। पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जांच की जा रही है।