Ghaziabad: जी-20 सम्मेलन से रोडवेज को तीन दिन में 60 लाख का नुकसान, गाजीपुर और लोनी बॉर्डर को किया गया था बंद
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के जिले में कौशांबी लोनी व गाजियाबाद तीन बस डिपो हैं। कौशांबी डिपो से रोडवेज की करीब 254 बसों का संचालन होता है। यहां से रोजाना करीब 25 से 30 हजार यात्री सफर करते थे। आठ सितंबर से दिल्ली में शुरू हुई सम्मेलन के कारण गाजीपुर व लोनी बार्डर को बंद कर दिया गया था।
By Edited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 11 Sep 2023 10:34 AM (IST)
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। दिल्ली में हुए जी-20 सम्मेलन के कारण यात्रियों की कमी के चलते उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को बड़ा नुकसान हुआ है।
निगम को पिछले तीन दिन में करीब 60 लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। अधिकारियों का कहना है कि रविवार को सम्मेलन की समाप्ति के बाद सोमवार से स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के जिले में कौशांबी, लोनी व गाजियाबाद तीन बस डिपो हैं। कौशांबी डिपो से रोडवेज की करीब 254 बसों का संचालन होता है।
यहां से रोजाना करीब 25 से 30 हजार यात्री सफर करते थे। आठ सितंबर से दिल्ली में शुरू हुई सम्मेलन के कारण गाजीपुर व लोनी बार्डर को बंद कर दिया गया था। डायवर्जन होने से बसों का संचालन अन्य मार्ग से किया गया। विभिन्न कारणों से यहां की बसों में रोजाना सात से आठ हजार यात्रियों ने ही सफर किया।
रोजाना झेलना पड़ा करीब 10 लाख रुपये का नुकसान
इससे यात्रियों से मिलने वाले राजस्व में कमी आई। सामान्य दिनों में रोजाना करीब 35 लाख रुपये का राजस्व आता था। जो प्रतिदिन केवल 25 लाख रुपये ही आया। रोजाना करीब 10 लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। तीन में 30 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।लोनी डिपो को रोजाना 24 लाख का नुकसान
लोनी डिपो से 50 बसों का संचालन होता है। इससे रोजाना करीब 19 लाख रुपये का राजस्व आता है। पिछले तीन दिन से रोजाना 11 लाख का नुकसान राजस्व ही प्राप्त हो रहा है। तीन दिन में 24 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। यहां की बसों में सफर करने वाले यात्रियों में करीब 40 फीसदी की गिरावट रही।गाजियाबाद डिपो के राजस्व में भी आई गिरावट
गाजियाबाद डिपो से विभिन्न शहरों के लिए 55 बसों का संचालन किया जाता है। इस बसों से सामान्य दिनों में करीब 13 हजार यात्री सफर करते थे। सम्मेलन शुरू होने के बाद से रोजाना साढ़े नौ हजार यात्रियों ने सफर किया। इससे प्रतिदिन करीब दो लाख रुपये राजस्व का नुकसान झेलना पड़ा। आठ लाख के सापेक्ष करीब छह लाख का राजस्व ही आया।इन मार्गों पर कम रहे यात्री
इन डिपो से सफर करने वाले एटा, अलीगढ़, कासगंज, इटावा, कानपुर, फर्रूखाबाद, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, हल्द्वानी, बदायूं, मैनपुरी, कासगंज आदि शहरों के जाने वाले यात्रियों में सबसे ज्यादा कमी रही। इसके अलावा लोकल क्षेत्रों मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, खुर्जा आदि मार्गों के यात्रियों में भी कमी रही।दिल्ली में हुए जी-20 सम्मेलन के कारण बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बहुत कम रही। इससे राजस्व का काफी नुकसान हुआ है। एक-दो दिन में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।
-केसरी नंदन चौधरी, क्षेत्रीय प्रबंधक, यूपीएसआरटीसी।