प्रदूषण फैलाने पर ताबड़तोड़ एक्शन, गौड़ संस इंडिया और LNT पर 10-10 लाख का जुर्माना; कार्रवाई से मचा हड़कंप
Sahibabad News ग्रेप नियमों के उल्लंघन पर गौड़ संस इंडिया और एलएनटी पर 10-10 लाख का जुर्माना लगाया गया है। गाजियाबाद में प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। इसके लिए तीन टीमें कार्य कर रही हैं। बताया गया कि गुरुवार को निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं का निरीक्षण किया गया। इसी दौरान यह कार्रवाई की गई है। आगे पढ़िए पूरी खबर।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के नियमों का उल्लंघन कर धूल उड़ाकर प्रदूषण फैलाने पर गौड़ संस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड व मैसर्स प्रेसटीज सिटी इंदिरापुरम कार्यकारी संस्था एलएनटी लि. पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में वसूला जाएगा।
खबर के मुख्य प्वाइंट्स-
- गौड़ संस इंडिया और एलएनटी पर 10-10 लाख का जुर्माना
- धूल और धुएं में उड़ीं ग्रेप की पाबंदी
- देश में पांचवां प्रदूषित शहर बना गाजियाबाद
- जिले का एक्यूआइ 252 दर्ज किया गया
- मुजफ्फरनगर 327 एक्यूआइ के साथ सबसे प्रदूषित रहा
वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार, बृहस्पतिवार को गाजियाबाद 252 एक्यूआइ के साथ देश में पांचवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। देश में मुजफ्फरनगर 327 एक्यूआइ के साथ सबसे प्रदूषित रहा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि गुरुवार को निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं का निरीक्षण किया गया। इस दौरान मेसर्स गौड़संस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा गौर बिज़ पार्क, प्लाट नंबर-एक, अभय खंड दो में निर्माण कार्य के दौरान धूल से प्रदूषण फैलता पायागया।
वहीं मैसर्स प्रेसटीज सिटी इंदिरापुरम (टीपीसीआइ) कार्यदायी संस्था मैसर्स एलएनटी लि. द्वारा ग्राम अकबरपुर बहरामपुर मिर्जापुर निकट सिद्धार्थ विहार में निर्माण कार्य कर प्रदूषण फैलाया जा रहा था। धूल उड़ने से रोकने के इंतजाम नहीं मिले। ग्रेप के पहले चरण के नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई करते हुए दोनों पर कुल 20 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
गौड़ ग्रुप के मीडिया प्रभारी ने बताया कि हमें किसी भी प्रकार का कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस मिलने पर उसका जवाब दिया जायेगा। हम हर प्रकार से ग्रेप के नियमों का पालन कर रहे हैं और वातावरण को स्वच्छ रखने में सहयोग कर रहे हैं। वहीं, जिले में प्रदूषण रोकने में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) समेत 20 से अधिक विभाग फेल साबित हो रहे हैं।
ग्रेप के पहले चरण की पाबंदी लागू हो गई हैं, लेकिन अधिकारी पालन नहीं करा पा रहे हैं। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी का दावा है कि प्रदूषण रोकथाम के लिए नगर निगम, जीडीए, पीडब्ल्यूडी, परिवहन विभाग समेत सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर प्रदूषण रोकथाम के लिए कार्रवाई की जा रही है। सभी अपने-अपने क्षेत्रों की सड़कों पर पानी का छिड़काव करा रहे हैं।प्रदूषण बोर्ड और नगर निगम की टीम कूड़े की निगरानी कर रही है। स्थिति इसके बिल्कुल उलट है। सड़कों पर धूल जरूर उड़ रही है, लेकिन पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। जगह-जगह कूड़े को जलाया जा रहा है। इससे निकलने वाला धुआं प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है।
ग्रेप के नियमों का उल्लंघन करने पर गौड़संस इंडिया व एलएनटी पर 10-10 लाख का जुर्माना लगाया गया है। प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। इसके लिए तीन टीम कार्य कर रही हैं। - विकास मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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जिले में बृहस्पतिवार को 15 से अधिक स्थानों पर कूड़ा जलता पाया गया। पांडव नगर में दिनभर कूड़े में आग लगती रही। इस पर किसी का ध्यान नहीं गया। वहीं हिंडन बैराज के पास हिंडन नहर रोड पर और एबीइएस कालेज के पास भी कूड़े के ढ़ेर में आग लगने से धुआं उठता रहा। इसके अलावा वैशाली, लोनी और मुरादनगर में भी कई स्थानों पर कूड़ा जलता मिला।सभी स्टेशनों पर खराब श्रेणी में दर्ज किया गया एक्यूआइ
जिले में प्रदूषण मापने के लिए वसुंधरा, इंदिरापुरम, संजय नगर व लोनी में प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए हैं। लोनी का प्रदूषण मापक यंत्र बंद रहा। वहीं, शेष सभी स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।जिले के स्टेशनों का एक्यूआइ
स्टेशन | एक्यूआइ |
इंदिरापुरम | 238 |
संजय नगर | 270 |
वसुंधरा | 248 |
लोनी | बंद |