गाजियाबाद में घर बनाने से जुड़ा नियम बदला, GDA की मंजूरी से इन लोगों को होगा फायदा
कैबिनेट की बैठक के बाद गत वर्ष 30 नवंबर को शासनादेश जारी कर दिया गया था जिसे प्राधिकरणों को बोर्ड बैठक में मंजूरी दिलाकर संशोधित भवन उपविधि लागू की जानी थी। मगर गाजियाबाद में नक्शा पास करने के नए नियम लागू न करने की आड़ में मोटा खेल हो रहा था। अब प्रस्ताव पर जीडीए बोर्ड की अध्यक्ष की मुहर लग गई।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में स्वीकृत हुई संशोधित भवन उपविधि पर जीडीए बोर्ड की मुहर लग गई है। अब गाजियाबाद में नए नियमों के तहत ही नक्शे पास होंगे। 300 वर्गमीटर से छोटे भूखंडों पर फ्लैट नहीं बन सकेंगे।
जिले में पार्किंग की गंभीर समस्या
दरअसल, प्रदेश के जिलों में पार्किंग बड़ी समस्या है। गाजियाबाद में ज्यादातर लोग घरों के बाहर गाड़ी खड़ी करते हैं। झगड़े का कारण पार्किंग की व्यवस्था न होना है। समस्या से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार ने भवन उपविधि में संशोधन किया था।
कैबिनेट की बैठक के बाद गत वर्ष 30 नवंबर को शासनादेश जारी कर दिया गया था, जिसे प्राधिकरणों को बोर्ड बैठक में मंजूरी दिलाकर संशोधित भवन उपविधि लागू की जानी थी। मगर गाजियाबाद में नक्शा पास करने के नए नियम लागू न करने की आड़ में मोटा खेल हो रहा था। बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए पूरा खेल किया जा रहा था। मामले को प्रमुखता से उठाते हुए दैनिक जागरण ने खबर प्रकाशित की थी।
प्रस्ताव पर जीडीए बोर्ड अध्यक्ष की लगी मुहर
दैनिक जागरण की खबर का संज्ञान लेकर जीडीए उपाध्यक्ष ने तत्काल नए नियम लागू करने की जरूरी स्वीकृति कराने के आदेश दिए। प्रस्ताव पर जीडीए बोर्ड की अध्यक्ष मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. की मुहर लग गई है। अब 300 व उससे अधिक वर्गमीटर का भूखंड, जो 12 मीटर सड़क पर स्थित है। उस पर ही स्टिल्ट के साथ चार फ्लोर अनुमन्य होगा।
300 वर्गमीटर से कम क्षेत्रफल वाले भूखंड पर मकान में पार्किंग के लिए दो मीटर ऊंचाई के स्टिल्ट फ्लोर का निर्माण कराया जा सकेगा। ऐसे में 10.50 से 12.50 मीटर ऊंचाई तक भवन का निर्माण कराया जा सकेगा। इसी तरह यदि भूखंड का क्षेत्रफल 300 व उससे अधिक वर्गमीटर है तो स्टिल्ट में पार्किंग बनाने से बहु- आवासीय भवनों का निर्माण 15 से 17.50 मीटर ऊंचाई तक किया जा सकेगा।
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नए नियमों के तहत निर्माण से पूर्व क्रय योग्य एफएआर खरीदना होगा। अगर पहले निर्माण कर लिया और बाद में क्रय योग्य एफएआर खरीदा तो अतिरिक्त निर्माण शमन नहीं होगा, सिर्फ ध्वस्त होगा। जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि परिचालन के जरिये जीडीए बोर्ड से संशोधित भवन उपविधि को मंजूरी मिल गई है।इस संबंध में शासन को पत्र भेज दिया गया है। नए नियमों के तहत नक्शा स्वीकृति के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर बदलाव करने की प्रक्रिया जारी है। काफी बदलाव संशोधित भवन उपविधि के हिसाब से कर दिए गए हैं जो बाकी बचे हैं। वह भी जल्द की दिए जाएंगे।
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