Ghaziabad: पॉलिसी मैच्योर होते ही आया फोन, हड़प लिए 15 लाख; रिटायर्ड आयकर निरीक्षक की पत्नी से ठगी
पॉलिसी मैच्योर होने के बाद भुगतान के लिए अनजान नंबर से फोन आया और पांच लाख रुपये देने का लालच देकर जालसाजों ने 15 लाख रुपये ठग लिए। एक अन्य व्यक्ति ने फोन कर कहा कि पॉलिसी फंस गई है। दस्तावेजी कमी बताकर 5.39 लाख जमा कराए और फिर चौथे व्यक्ति ने उनसे 6.85 लाख रुपये अपने खाते में जमा कराए।
By Ayush GangwarEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Fri, 23 Jun 2023 07:53 PM (IST)
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। पॉलिसी मैच्योर होने के बाद भुगतान के लिए अनजान नंबर से फोन आया और पांच लाख रुपये देने का लालच देकर जालसाजों ने 15 लाख रुपये ठग लिए। रिटायर्ड आयकर निरीक्षक ने थाना मधुबन बापूधाम में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि आईसीएसई बोर्ड की शिक्षक रहीं उनकी पत्नी की पॉलिसी 2023 की शुरुआत में मैच्योर हुई थी।
फोन कर मांगी रकम
कई बार कहने पर भी एजेंट इसके भुगतान का आश्वासन देता रहा। इस संबंध में उन्होंने एक शिकायत भी की थी। मार्च में गगन सिद्धू नाम के व्यक्ति ने उन्हें फोन कर कहा कि आपकी पॉलिसी का भुगतान हो जाएगा और दूसरी पॉलिसी में सवा दो लाख जमा है। यदि पौने तीन लाख रुपये और जमा करा दें तो दोनों का एकमुश्त भुगतान 10 लाख रुपये आपके खाते में आ जाएंगे।
10 मांगने पर ठगी का पता चला
उन्होंने कहा कि राजू पंडित फोन करेंगे। राजू के बताए खाते में उन्होंने पौने तीन लाख रुपये जमा करा दिए। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति ने फोन कर कहा कि पॉलिसी फंस गई है। दस्तावेजी कमी बताकर 5.39 लाख जमा कराए और फिर चौथे व्यक्ति ने उनसे 6.85 लाख रुपये अपने खाते में जमा कराए। पहले जमा कराई रकम के साथ पॉलिसी के पैसे डूबने की धमकी देकर जालसाज पैसे जमा कराते रहे और इसके बाद भी 10 लाख रुपये जमा कराने को कहा तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ।पीड़ित ने एजेंट व पॉलिसी करने वाली कंपनी के कर्मचारियों पर भी मिलीभगत की आशंका जताई है। पीड़ित के मुताबिक, पहली बार कॉल करने वाले ने खुद को बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण का अधिकारी बताते हुए उनकी दोनों पॉलिसी नंबर के साथ जन्मतिथि व दस्तावेजों का क्रमांक तक बता दिया था। इसी कारण वह झांसे में आ गए।
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