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Ghaziabad Name Change: मुगल शासन में रखा गया था गाजियाबाद जिले का नाम, अब बदला जाएगा; सीएम योगी की मंजूरी का इंतजार

Ghaziabad Name Change गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव मंगलवार को सदन के समक्ष पेश किया गया मेयर ने कहा कि जिले का नाम बदलने का निर्णय शासन को लेना है नया नाम भी शासन ही तय करे। प्रस्ताव पास होते ही सदन में भारत माता की जय के नारे लगाए गए। महापौर सुनीता दयाल ने बताया कि जल्द ही इस प्रस्ताव को शासन को भेज दिया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 10 Jan 2024 08:20 AM (IST)
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Ghaziabad Name Change: मुगल शासन में रखा गया था गाजियाबाद जिले का नाम
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। Ghaziabad Name Change : लगभग 284 साल से मुगल शासन के वजीर गाजीउद्दीन की याद दिलाने वाले जिले का नाम अब बदला जाएगा। मंगलवार को नगर निगम की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को सदन की मंजूरी मिल गई है, अब यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

जिले का नाम क्या होगा? यह तय नहीं किया गया है। हालांकि जिले का नया नाम गाजियाबाद के इतिहास के आधार पर रखे जाने की पैरवी मजबूती से निगम द्वारा शासन में की जाएगी।

1976 में मेरठ से अलग हुआ था गाजियाबाद

सन 1,740 में मुगल शासन के वजीर गाजीउद्दीन ने गाजीउद्दीन नगर नाम से शहर बनाया था, बाद में नाम छोटा कर इसे गाजियाबाद कर दिया गया। 14 नवंबर 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने गाजियाबाद को मेरठ से अलग कर जिला घोषित किया, लेकिन नाम नहीं बदला।

इलाहाबाद का नाम बदलकर किया प्रयागराज

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया तब गाजियाबाद का नाम भी बदलने की मांग उठने लगी। हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने भी गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग की, प्रदेश सरकार को इस संबंध में पत्र भी भेजे गए।

नाम बदलने का प्रस्ताव निगम से पास

जिले का नाम दूधेश्वर नगर करने की भी मांग उठी। नगर निगम में भी पहले इस पर चर्चा हुई, लेकिन मंगलवार वह मंगल दिन रहा, जब यह प्रस्ताव नगर निगम में वार्ड संख्या-100 के पार्षद संजय सिंह की ओर से लाया गया, उन्होंने गाजियाबाद का नाम बदलकर गजनगर अथवा हरनंदी नगर करने की मांग की।

शासन को भेजा जाएगा प्रस्ताव

इस पर चर्चा शुरू हुई तो ज्यादातर पार्षद इसके पक्ष में रहे। कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि यह प्रस्ताव स्वयं महापौर की ओर से आना चाहिए, जिस पर महापौर ने सदन के सामने अपनी ओर से गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव सदन के समक्ष पेश किया गया, उन्होंने कहा कि जिले का नाम बदलने का निर्णय शासन को लेना है, नया नाम भी शासन ही तय करे।

पार्षदों ने बहुमत से महापौर के इस प्रस्ताव को पास कर दिया है। प्रस्ताव पास होते ही सदन में भारत माता की जय के नारे लगाए गए। महापौर सुनीता दयाल ने बताया कि जल्द ही इस प्रस्ताव को शासन को भेज दिया जाएगा।

हरनंदीपुरम, गजप्रस्थ, दूधेश्वरनाथ नगर या परशुराम नगर?

गाजियाबाद का नाम हरनंदी नगर हो तो अच्छा रहेगा, इससे गाजियाबाद के गौरवशाली इतिहास के साथ ही हरनंदी की महता को भी लोग जान सकेंगे।

- अमित त्यागी, पार्षद

हरनंदी नदी के नाम पर जिले का नाम हरनंदी नगर होना चाहिए, इससे जिले के इतिहास के बारे में आने वाले लोग भी जान सकेंगे।

- प्रवीण चौधरी, पार्षद

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